UP: तब घरानों से थे पीएम-सीएम, सात सांसद और सात विधायक, अब पूर्वांचल से राज्यसभा में सिर्फ एक सांसद नीरज शेखर
लोकसभा चुनाव 2024
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प्रदेश और देश की नागरिकता में पांच बड़े राजनीतिक घरानों का एक अलग रसूख रहता है। इन घरों में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार में मंत्रियों के अलावा सात सांसद और सात विधायक शामिल हुए। यद्यपि अधिकतर राजनीतिक घरानों के उत्तराधिकारियों की अंतिम दौर की राजनीति की मुख्य धाराओं से दूरी बनी हुई है।
भाजपा से लोकतंत्र को खत्म करने के लिए समाजवादी पार्टी के अन्य सभी प्रमुख राजनीतिक घरानों के सदस्य पुराना गुटखा रसूख पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित कमलापति त्रिलोक का देश की नागरिकता में एक अलग स्थान था।
वाराणसी और चंदौली की स्थानीय राजनीति में उनकी अच्छी-ख़ासी यात्रा होती थी। वह खुद वाराणसी से वर्ष 1984 में कांग्रेस के सांसद चुने गए थे। वहीं, उनकी बहू चंद्रा त्रिमूर्ति चंदौली से वर्ष 1984 में कांग्रेस की नवयुवक पार्टी में शामिल हुईं। उनके पुत्र पंडित लोकपति त्रिलोक उत्तर प्रदेश में मंत्री रह रहे हैं।
स्थिर समय में पंडित कमलापति त्रिपाल के पुत्र पूर्व मंत्री राजेश पति त्रिपाल और पूर्व मंत्री ललितेशपति त्रिलोक कांग्रेस से दूरी बना चुके हैं। ललितेशपति सपा के सहयोग से अखिल भारतीय कांग्रेस के टिकटों पर भदोही से किस्मत खराब हो रही है।
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