UP: अपने संसदीय क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं पूर्वांचल के ये सात सांसद, पूरब के वोटर्स को बाहरियों पर अधिक ऐतबार
लोकसभा चुनाव 2024
– फोटो : अमर उजाला
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ईसा मसीह की प्रतिष्ठा में कई मूल्य शामिल हैं। अगर लोकसभा चुनाव कराया जाए तो हाल के वर्षों में झील का नजारा बदला हुआ है। स्थानीय से कहीं ज्याव भरोसेमंद वे बाहरी बर्चस्व पर भरोसा करते हैं। समाजवादी की तस्वीरें गौर करें तो वाराणसी के साथ ही चंदौली, कार्यकर्ता, सोनभद्र, भदोही, जादूई और घोसी के अल्पसंख्यक अपने क्षेत्र के वोटर नहीं हैं।
ईसा मसीह की प्रतिष्ठा में कई मूल्य शामिल हैं। अगर लोकसभा चुनाव कराया जाए तो हाल के वर्षों में झील का नजारा बदला हुआ है। स्थानीय से कहीं ज्याव भरोसेमंद वे बाहरी बर्चस्व पर भरोसा करते हैं। समाजवादी की तस्वीरें गौर करें तो वाराणसी के साथ ही चंदौली, कार्यकर्ता, सोनभद्र, भदोही, जादूई और घोसी के अल्पसंख्यक अपने क्षेत्र के वोटर नहीं हैं।
बात वाराणसी संसदीय क्षेत्र की करें तो यहां साल 2004 से बाहर आकर संसदीय क्षेत्र में ही अल्पसंख्यक चुने जा रहे हैं। 2004 के कांग्रेस सांसद डॉ. मिश्रा का जन्म स्थान मसाला जिला है। 2009 के भाजपा सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी का जन्म स्थान दिल्ली है। 2014 से अब तक बीजेपी के अल्पसंख्यक और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म स्थान गुजरात का वडनगर ग्राम है।
वॅन्सी से सैटेलाइट चंदौली इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र से वर्ष 2014 से डॉ. महेंद्र नाथ मन्दयाना भाजपा के अल्पसंख्यक हैं। डॉ. पैन्टी मूल रूप से मियामी जिले के निवासी हैं और उनका आवास वाराणसी में है।
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