Today in Bhopal: मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में गौंड समुदाय की चित्रकार संदीप्ती परस्ते के चित्रों की प्रदर्शनी – Today in Bhopal Exhibition of paintings of Gond community painter Sandipti Paraste in Madhya Pradesh Tribal Museum
पलाश रेजीडेंसी के एमपीटी सडन स्पाईसेज रेस्तरां में पुथांडू और विशु पर्व के पारंपरिक व्यंजन परोसे जा रहे हैं। इस दो डेविल्स फेस्टिवल फेस्टिवल में दोपहर 12:30 बजे से रात 10 बजे तक तमिल और केरल राज्य के कुजीन और फूड लवर्स को सर्व किया जा रहा है।
द्वारा मुकेश विश्वकर्मा
प्रकाशित तिथि: सोम, 15 अप्रैल 2024 07:56 पूर्वाह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: सोम, 15 अप्रैल 2024 07:56 पूर्वाह्न (IST)
आज भोपाल में: नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शहर में आधिपत्य, सांस्कृतिक, सामाजिक, खेल, धार्मिक आदि संस्कृतियों का चलन निरंतर रहता है। 15 अप्रैल को भी शहर में ऐसे कई पर्यटन का आयोजन होने वाला है, जिसका आनंद आप उठा सकते हैं। यहां हम कुछ ऐसे ही इंजीनियर्स प्रोग्राम की जानकारी पेश कर रहे हैं, जिन्हें आप अपने दिन की तरह आसानी से बना सकेंगे।
पलाश रेसीडेंसी केटी एमपी सदर्न स्पीचसेज रेस्तरां में पुथांडू और विशु पर्व के पारंपरिक व्यंजन परोसे जा रहे हैं। इस दो डेविल्स फेस्टिवल फेस्टिवल में दोपहर 12:30 बजे से रात 10 बजे तक तमिल और केरल राज्य के कुजीन और फूड लवर्स को सर्व किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश जनजातीय संग्रहालय गॉड कम्यूनिटी के निर्माता संदीप्ति परस्ते के संग्रह की प्रदर्शनी में सह-वस्तुओं का संयोजन किया जा रहा है। 48वीं शलाका चित्र प्रदर्शनी 30 अप्रैल तक जारी रहेगी। युवा चित्रकार संदीप्ति का जन्म मध्य प्रदेश के जनजातीय बहुल हिंदौरी जिले में हुआ है। चित्रकला उनके परिवेश और परिप्रेक्ष्यों में समाहित रही है। उनके संग्रह में प्रकृति और पर्यावरण सहित पशु-पक्षियों का तत्र चित्रण प्रमुखता से देखने को मिलता है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय संग्रहालय अप्रैल माह का प्रदर्श ””मगरोही”” के इंटरनैशनल प्रदर्शनी भवन वीथी संकुल में एक विवाह स्तंभ प्रादर्श का प्रदर्शन किया जा रहा है। मगरोही गोंड समुदाय में विवाह समारोह के दौरान बने मड़वा (विवाह मंडप) के नीचे एक स्तंभ स्थापित किया गया है। गोड समुदाय मुख्यतः मध्य भारत के गोंडवाना क्षेत्र में निवासरत एक महत्वपूर्ण समुदाय है, जिसका अर्थ है अपनी एक वृहद एवं पुरातात्विक सांस्कृतिक परंपरा। गोंड समुदाय में मगरोही को विवाह का साक्षी माना जाता है।
Source link