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Shivpuri water Problem News: मदकपुरा में लोग कीड़े और कीचड़ छान कर पानी पीने को मजबूर

शिवपुरी को जल संकट से बचाने के लिए सरकार ने जल निगम योजना के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बताया है। कागजों में लोगों के घरों में पानी पहुंच रहा है

द्वारा अनिल तोमर

प्रकाशित तिथि: रविवार, 28 अप्रैल 2024 01:49 अपराह्न (IST)

अद्यतन दिनांक: रविवार, 28 अप्रैल 2024 01:52 अपराह्न (IST)

शिवपुरी जल समस्या समाचार: मदकपुरा में एक व्यक्ति और एक भिक्षुक ने पानी पीने को किया मजबूर

शिवपुरी जल समस्या समाचार: नईदुनिया प्रतिनिधि शिवपुरी। शिवपुरी को जल संकट से बचाने के लिए सरकार ने जल निगम योजना के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बताया है। पेपर्स में लोगों के घरों में पानी पहुंच रहा है, लेकिन बाकी हिस्सों में यह है कि लोगों को या तो व्यावसायिक रूप से युक्त पानी की स्थापना की जा रही है या फिर विभिन्न स्थानों से युक्त पानी को अच्छी तरह से स्थापित किया जा रहा है। यह स्थिति किसी सुदूर गाँव के नहीं, बल्कि शहर के वार्ड क्रम-16 के हैं। पिछले सप्ताह भर से क्षेत्र में गहरे जल संकट के क्रम में शनिवार को जब नईदुनिया की टीम पहेली, मदकपुरा क्षेत्र में बाढ़ आई तो वहां के लोगों ने बताया कि मदकपुरा में तो जल संकट के हालात गंभीर हैं कि प्रधानमंत्री प्रबंधन के लिए उन्होंने जो सुझाव दिए थे वह सुखी प्रमाणित हैं।

एक कुआँ बचा था, जिसमें पानी भी शामिल है। करीब आधा फीट पानी बचा हुआ है, उसी में से पानी के स्तम्भ हैं। लोगों की कहानियों की हकीकत समझने के लिए जब भी किसी व्यक्ति ने देखा तो वहां एक व्यक्ति कुआं से पानी की सजा की जद्दोजहद कर रहा था। काफी प्रयास के बाद उसकी बाल्टी सिर्फ मध्य विद्यालय आ रही थी। बाल्टी में आये पानी में कचरा और दुकानदार साथ आ रहे थे। उन्होंने कहा कि पानी को कपड़ों से अच्छे-खाने कर कट्टियों में दोषी ठहराया गया था। इसके बाब जूड कई व्यापारी और व्यापारी अपने कपड़ों से कट्टी में जा रहे थे। पानी भर रहे व्यक्ति ने बातचीत में स्वीकार किया कि वह और उसका परिवार इस पानी को पीएंगे। कुआन के पास एक अन्य व्यक्ति ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें मजबूरन यह संपत्ति और बच्चों का पानी पैड स्थापित करना पड़ रहा है क्योंकि उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

विरोध-करते आ गया तीसरा चुनाव, हाल नहीं बदला

यहां बताया जाएगा कि उक्त क्षेत्र में प्रार्थना की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण यहां रहने वाले परिवार के लोग हर बार चुनाव के समय इस आसा में विरोध दर्ज कराते हैं कि शायद इस गांव में उनकी सुनवाई हो जाए। चुनाव के समय सरकारी अधिकारियों की वोटिंग का बहिष्कार नहीं किया जा रहा है, चुनाव के बाद व्यवस्था करवा दी जाएगी, लेकिन नगर पालिका चुनाव, विधानसभा चुनाव और अब आम चुनाव आ गए, लेकिन बस्ती में पानी नहीं आया।

कनेक्शन कटने और बोर खराब होने से पहेली में भी संकट

वार्ड क्रम-16 के पहेली क्षेत्र में पिज्जा की व्यवस्था बोरों से होती है, लेकिन यहां पर लगभग सभी बोर खराब पड़े हैं। इस कारण मदकपुरा के जो लोग करीब एक वर्ग की दूरी तय कर यहां से राजकुमार ले जाते थे, वह भी अब नहीं कर पा रहे हैं। पंप संचालक हनीफ खान ने बताया कि क्षेत्र में करीब आठ बोर चल रहे हैं, जिनमें से दो बोर चालू हैं, एक बोर पर अवैध रूप से कब्जा कर मकान बना लिया गया है, जबकि कुछ बोरों के बिजली कनेक्शन बिल और जुर्माने के कारण काटे गए हैं। एक बोर पिछले दस दिन से बुरा है, नपा में शिकायत के बाबजूद एक बोर सही करने की तैयारी नहीं है।

ये बोले ताले

-उस बागानों के लोग नेता अधिकतर हैं, मैं बात नहीं करता हूं, सीधा-सादा नेता, सहकारी और सहकारी समितियां यहां हैं। मीडिया के पास पहुँच जाते हैं। अगर वह मेरे पास आए और दोस्ती निभाए तो फिर मैं समस्या के समाधान का प्रयास करूंगा।

माखन जुबां, वार्डबॅलेज

-गौशाला के सारे बोर खराब हैं, हम लोगों को बहुत परेशानी होती है। रात में कुआं में कुछ पानी भर जाता है तो ऐसे ही कपड़ों से अच्छे-खाने कर पानी पीने के लिए याद करते हैं।

वहाद खान, स्थानीय निवासी

-मुख्य संग्रहालय से यहां पानी की घोषणा आई हूं मस्जिद, शंकर जी के मंदिर, सहराणे में सभी बोर खराब पड़े हैं। पानी चाहिए इसलिए मजबूरी के कारण गंदा पानी ही अच्छा कर भरना पड़ रहा है।

हेतराम, स्थानीय निवासी

  • लेखक के बारे में

    2000 से पत्रकारिता में हूँ। दैनिक जागरण, नवभारत में रिपोर्टर के रूप में काम किया है। दैनिक भास्कर अखबार, अजमेर में रिपोर्टर रह रहा है। 2007 से 2013 तक दैनिक भास्कर के मुरैना कार्यालय में ब्यूरो प्रमुख के रूप में मे


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