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Power Looms in Burhanpur: बुरहानपुर शहर के आधे पावरलूम हुए बंद, हड़ताल पर जाएंगे बुनकर – Half of the power looms of Burhanpur city closed weavers will go on strike

पावरलूम बुडकर संघ की बैठक, एमएसएमई के प्रवर्तक और समिति के विकास से बने हालात।

द्वारा प्रशांत पांडे

प्रकाशित तिथि: गुरु, 11 अप्रैल 2024 05:52 अपराह्न (IST)

अद्यतन दिनांक: गुरु, 11 अप्रैल 2024 06:02 अपराह्न (IST)

बुरहानपुर में पावरलूम: बुरहानपुर शहर के अंत में पावरलूम बंद, हड़ताल पर जाकर बंद हो गया
बुरहानपुर में पावरलूम।

बुरहानपुर में पावर लूम्स: नईदुनिया प्रतिनिधि, बुरहानपुर। कई दशकों से रोजगार के प्रमुख जरिया रहे पावरलूम बंदा की पहुंच में हैं। शहर में मौजूद चालीस से अधिक बिजली वाले लूमों में से एक सप्ताह से बंद हो गए हैं। शेष बचे पावरलूम भी धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं। पावरलूम बुडकर संघ के अध्यक्ष रियाज के वकील का आरोप है कि टैक्सटाइल मिल के परिसर में यह बदहाली बनी हुई है।

हर साल जनवरी माह में बुनकरों की बिक्री नहीं होती थी, लेकिन इस बार तीन माह बाद भी बिक्री नहीं हुई। इसके साथ ही एम्सएमई में नया प्रीस्कूल जोड़ा गया है। इसके तहत एमएसएमआई में पंजीकृत विक्रेता से दिए गए टैक्सटाइल मिल सैमसंग को 45 दिनों के लिए भुगतान करना पड़ता है।

इस नियम के लागू होने के बाद मिल अनइथ ने काम होने की मांग शुरू कर दी है। जिससे बुनेकरों को भी उनकी क्षमता के अनुसार रॉ माल नहीं मिल पा रहा है। ये दो प्रमुख विकल्प पावरलूम से बंद हो रहे हैं। इसे लेकर संघ ने 13 अप्रैल को बुनकरों की बैठक बुलाई है। जिसमें बुनकरों की हड़ताल को लेकर फैसला लिया जाएगा।

सेट से कम माउन्ट, भुगतान में भी देरी

रियाज रिसर्चर ने बताया कि टैक्सटाइल एसोसिएशन से 25 रुपये 25 पैसे प्रति पिक प्रति मीटर के हिसाब से एक व्यापारी का वेतन तय किया गया था, लेकिन बिजनेस 20 से 22 रुपये प्रति दिन से ही बुनेकरों को भुगतान कर रहे हैं। इससे पहले उन्हें हर सप्ताह मिल जाता था, लेकिन अब एक महीने का भुगतान किया जाता है।

कुछ मामलों में तो दो से तीन महीने तक भुगतान किया जा रहा है। जिससे बचे रहे न तो समय पर बिजली बिल का भुगतान कर बैठे और न ही हम्मली, कंडी भराई आदि का भुगतान कर बैठे। जिससे बिजली कनेक्शन कट जाता है। बुनकर संघ ने बुनकरों की समस्या को लेकर कई बार आवाज उठाई, लेकिन नेता प्रतिपक्ष व प्रशासन ने कोई प्रयास नहीं किया।

बिजली बिल में राहत और सुरक्षा की भी आस

शहर के बुनेकरों को प्रतिष्ठित बिजली और शहर से बाहर पावरलूम पर हमले की भी आशंका है। इसे लेकर कई बार संघ ने जिला प्रशासन के सामने अपना पक्ष भी रखा है। बुनकरों का कहना है कि उन्हें बिजली बिल में छूट दी जानी चाहिए। आय का अधिकांश हिस्सा बिजली बिल में चला गया है। इसके साथ ही शहर की तंग और रहवासियों को कई दशकों से चल रहे पावरलूमों को अब के बाहर जाना चाहिए। अब तक राजपुत ने इसे लेकर कोई प्रयास नहीं किया है।

कंपनी ने नहीं बढ़ाया जाने और बुनकरों को रॉ माल कम देने के कारण पावरलूम बंद चल रहे हैं। इनमें से एक अप्रैल को संघ की बैठक का उद्देश्य है। जिसमें अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर निर्णय लिया जाएगा। रियाज रिसर्चर, अध्यक्ष पावरलूम बुनकर संघ।


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