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Mukhtar Ansari News: सच्चिदानंद राय की हत्या से सुर्खियों में आया था मुख्तार, डेढ़ बिस्वा जमीन के लिए गैंगवार

मुख्तार अंसारी आधा बिस्वा जमीन के लिए सच्चिदानंद राय की हत्या से सुर्खियों में आये थे

उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस अधिकारी बृजलाल और मुख्‍य सचिव।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


मुख्तार वकील, अतीक अहमद, अशर्फ़, शहाबुद्दीन और विजय मिश्रा जैसे अपराधी राजनीति और वकील की मांद हैं। मुख्तार एक ऐसा दुर्दांत अपराधी था कि उसका गिरोह एक गोली किसी की भी जिंदगी का वारा-न्यारा कर देता था। ये बातें उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने शनिवार को अमर उजाला के पत्रकारों से कहीं।

मोबाइल फोन पर 15 मिनट की बातचीत में पूर्व साम्राज्य ने अंतरराज्यीय गिरोह (एमएस-191) के किंगडीन रहे माफिया मुख्तार के आपराधिक और राजनीतिक जीवन के कई अनछुए सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश….

बिस्वा जमीन का विवाद अलग-अलग गैंगवार का आधार बना

पूर्व साम्राज्य ने कहा था कि ज्वालामुखी के मछुआरे गांव में रमापति सिंह रहते थे। उनके दुकानदार साधु सिंह और मकनू सिंह से बिस्वा जमीन को लेकर विवाद था। 24 जून 1984 को छह बेटों के पिता रामपति सिंह अपना खेत जोत रहे थे। इसी दौरान मां के उकसाने पर साधु सिंह ने अपने 30 कैलिबर की लूगर यूनिट से रमापति सिंह की हत्या कर दी। तुलना से गैंगवार की शुरुआत हुई और नौ हत्याएं हुईं।

रमापति सिंह की हत्या के बदले में 10 एवेर्स 1985 में उनके बेटों ने मकनू सिंह की हत्या की। इसके बाद साधु सिंह ने 2 जनवरी 1986 को रमापति सिंह के दो बेटों की हत्या कर दी। यह ऐसा पहला व्यक्ति था, जिसमें मुख्य सचिव भी शामिल थे, लेकिन उनका नाम कहीं नहीं आया। उसके बाद वाराणसी में हवलदार राजेंद्र सिंह के बेटे रमापति सिंह की हत्या कर दी गई।


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