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MP Lok Sabha Election: पिछले चुनाव में मालवांचल और मध्य भारत ने भाजपा को दिलाई थी अच्छी बढ़त, कांग्रेस का सहारा बना था ग्वालियर-चंबल – MP Lok Sabha Election last elections Malvanchal and Central India had given a good lead to BJP Gwalior Chambal had become support of Congress

एमपी लोकसभा चुनाव: आगामी चुनाव के लिए आंचलवार कोप बना रहे दोनों दल।

द्वारा शशि तिवारी

प्रकाशित तिथि: सोम, 25 मार्च 2024 03:30 पूर्वाह्न (IST)

अद्यतन दिनांक: सोम, 25 मार्च 2024 03:30 पूर्वाह्न (IST)

एमपी लोकसभा चुनाव: पिछले चुनाव में मालवाचल और मध्य भारत ने बीजेपी को बढ़त दिलाई थी, कांग्रेस का सहारा बना था नामांकन-चंबल
मध्य प्रदेश चुनाव 2024

पर प्रकाश डाला गया

  1. मालवाचल में कुल वैध मत 58.44 और मध्य भारत में 64.66 प्रतिशत भाजपा को मिले।
  2. सभी आंचलिक कांग्रेस में हारी, लेकिन उनका सबसे बड़ा सहरा साम्य-चंबल आंचल बना।
  3. दोनों दल अपनी-अपनी जीत के लिए क्षेत्रीय प्वाइंट बनाए हुए हैं।

एमपी लोकसभा चुनाव: शशिकांत तिवारी, भोपाल। चुनाव के होन या विधानसभा के प्रदेश के हर आंचल की अपनी अलग कहानी है। लोकसभा चुनाव में तो नामांकन का मुद्दा भी प्रदेश में एक ही रहता है, हर क्षेत्र में ईसा मसीह की पसंद जुदा-जुदा सामने आ रही है। पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो मालवाचल के आठवें और मध्य भारत के पांचवें चरण में भाजपा को अच्छी बढ़त मिली थी। मालवाचल में कुल वैध मत 58.44 और मध्य भारत में 64.66 प्रतिशत भाजपा को मिले। सभी आंचलिक कांग्रेस में हारी, लेकिन उनका सबसे बड़ा सहरा साम्य-चंबल आंचल बना।

बीजेपी को सबसे कम 51.50 प्रतिशत और कांग्रेस को सबसे ज्यादा 38.53 प्रतिशत वोट इसी क्षेत्र में मिले। भाजपा-कांग्रेस का क्षेत्रीय मत प्रतिशत में अंतर की बात करें तो यह सर्वाधिक 33.81 प्रतिशत मध्य भारत में है। अर्थात यह आंचलिक के लिए है चुनाव में भी बड़ी चुनौती है। पटना कांग्रेस के लिए गहरी खाई का आनंद लेना आसान नहीं है। दोनों के बीच मोटरसाइकिल का सबसे कम अंतर 12.97 प्रतिशत और इसके बाद महाकोशल में 15 प्रतिशत रहा। दोनों दल अपनी-अपनी जीत के लिए क्षेत्रीय प्वाइंट बनाए हुए हैं।

अब 2014 के आम चुनाव की बात करें तो यहां भी कांग्रेस अन्य क्षेत्रों की चुनौती-चंबल में अच्छी स्थिति में रही। बीजेपी को 45.5 और कांग्रेस को 38.2 फीसदी मत मिले. यानी दोनों के बीच मात्रा सात प्रतिशत स्टॉक का ही अंतर है जो 2019 में 12.97 प्रतिशत हो गया। महाकोशल क्षेत्र में भाजपा को 46 और कांग्रेस को 39.97 प्रतिशत मत प्राप्त हुए। दोनों के बीच 6.7 प्रतिशत का ही अंतर था, जो 2019 में दोगुने से भी ज्यादा 15.4 प्रतिशत हो गया।

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हालाँकि, मध्य भारत में 2014 और 2019 के लिए दोनों धर्मों के सिद्धांत लगभग एक जैसे ही हैं। 2019 में इनमें से तीन बीच मोटोरोला का अंतर 33.81 प्रतिशत और 2014 में 32.6 प्रतिशत था। चैलेंज में भाजपा को कांग्रेस से 22.9 प्रतिशत अधिक मत मिले थे, जबकि 2019 में 32.9 प्रतिशत अधिक मिले। बता दें कि 2014 में कांग्रेस दो सीट गुना और हिंद महासागर में ही जीत पाई थी। विपक्ष ही नहीं विधानसभा चुनाव में भी अन्य-चंबल में कांग्रेस की अच्छी स्थिति बनी हुई है।

पिछले दो नामांकन में भाजपा और कांग्रेस आंचलिकवार मिले मत (मूल्यांकन में)

चुनाव वर्ष–2019–2014

क्षेत्रीय– भाजपा– कांग्रेस — अंतर — भाजपा– कांग्रेस — अंतर

मालवा-निमाड़–58.44–37.32–21.12–57.89–35.40–22.49

महाकोशल–52.69–37.29–15.4– 46.74–39.97– 6.77

विन्ध्य–56.32–29.55–26.82–47.54–33.22–14.22

अगली छवि:–51.50–38-53– 12.97– 45.59–38.26– 7.33

लेवल — 62.18– 29.28– 32.9– 54.96– 32– 22.96

मध्य भारत — 64.66– 30.85– 33.81– 63–30.4– 32.6

  • लेखक के बारे में

    नईदुनिया डॉट कॉम इंदौर में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ डेस्क पर वरिष्ठ उप-संपादक। पत्रकारिता और जनसंचार में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय डेकोर से बैचलर और विक्रम विश्वविद्यालय से मास्टर्स डिग्री। इंदौर 2014


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