Jabalpur News : महिलाओं के नाम रजिस्ट्री कराने का चलन बढ़ा, इस बार 35 प्रतिशत पहुंचा आंकड़ा – The trend of registering womens names increased this time the figure reached 35 percent
जबलपुर समाचार: शासन को भी इससे पहले 560 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था, जो अब तक का सबसे अधिक राजस्व है।
द्वारा आलोक बनर्जी
प्रकाशित तिथि: शनिवार, 06 अप्रैल 2024 10:22 पूर्वाह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: शनिवार, 06 अप्रैल 2024 10:22 पूर्वाह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- जिले में हुई 50 हजार से अधिक अचल वास्तुकला की रजिस्ट्री।
- मालिकाना हक में नारी शक्ति का प्रतिशत बढ़ा।
- रजिस्ट्री भी सबसे ज्यादा हुई और सर्वाधिक राजस्व का रिकार्ड भी बनाया।
जबलपुर समाचार : नई दुनिया प्रतिनिधि, जेबर। अचल संपत्ति पर महिलाओं का मालिकाना हक बढ़ रहा है। पिछले वर्षों के गैजेट्स पुरुषों की तुलना महिलाओं के नाम अचल पिरामिड की रजिस्ट्री का चलन तेजी से बढ़ा है। इस बार समाप्त वित्तीय वर्ष जिले में 50 हजार 160 अचल संपत्ति का रिकार्ड रजिस्ट्री हुई। जिसमें 65 प्रतिशत पुरुषों के नाम जबकि 35 प्रतिशत महिलाओं के नाम रजिस्ट्रीकृत किये गये। शासन को भी इससे 560 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जो अब तक का सर्वाधिक राजस्व है। पिछले साल जिलों में 40 हजार 250 अचल संस्थाओं की रजिस्ट्री हुई थी, जबकि शासन के रजिस्ट्री में 491 करोड़ रुपये आये थे। इस दावे से राजस्व में इस बार 70 करोड़ रुपये का अंतर है।
मालिकाना हक में नारी शक्ति का प्रतिशत बढ़ा
जिले में इस बार यानी वित्त वर्ष 2023-24 में अचल संपत्ति की रजिस्ट्री में महिलाओं का प्रतिशत भी तेजी से टूटा है। इस बार महिलाओं के नाम पर 35 अल्पसंख्यकों की रजिस्ट्री जिले में हुई है। जबकि पुरुष के नाम पर संस्था की रजिस्ट्री का प्रतिशत 65 रहता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री होने पर पुरुषों के लिए दो प्रतिशत शुल्क में छूट का विधान है।
रजिस्ट्री भी सबसे ज्यादा हुई और सर्वाधिक राजस्व का रिकार्ड भी बनाया
जिला पंजाब कार्यालय ने अपनी स्थापना के बाद पहली बार अधिकतम राजस्व प्राप्ति के साथ रिकॉर्ड दर्ज किया है। वित्त वर्ष 2023-24 जिले में 50 हजार 150 अचल रजिस्ट्री की रजिस्ट्री हुई। इससे 560 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व हासिल हुआ है। जो अब तक सबसे ज्यादा है और पिछले साल की तुलना में 70 करोड़ रुपये का भारी राजस्व प्राप्त हुआ है। वित्त वर्ष 2022-23 में 40 हजार 250 अचल संस्थागत रजिस्ट्री से 491 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। हालांकि इस बार 585 करोड़ रुपये के लक्ष्य से विभाग थोड़ा पीछे रह गया।
रजिस्ट्रार नामांकन से अधिकांश पर हो रजिस्टर रजिस्ट्रियां
जानकारी में यह बात भी प्रमुखता से सामने आई है कि आई के जिलों में लोग आर्किटेक्ट के विशिष्ट निर्धारित दर से अधिक पर अचल वास्तुकला की रजिस्ट्री करा रहे हैं और ऐसे लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसा माना जाता है कि आसानी से लोन एक्सचेंज की संपत्ति में बड़े पैमाने पर स्टॉक का यह एक अचूक फंडा बन गया है।
संदाय संस्करण-2 मई से लागू करने की तैयारी
जिले में जल्द ही संजोग संस्करण-2 प्रभावशाली होगा। इससे कम समय में रजिस्ट्री होगी और ज्यादातर मामलों में पक्षकार को ऑफिस तक आना नहीं चाहिए। अभी निर्दिष्ट रूप से इसे प्रदेश के डिंडौरी, हरदा, गुना व कोटा में लागू किया गया है। यदि इसके नतीजे सुखद आये तो यह संस्करण जबलपुर सहित प्रदेश के अन्य डेस्टिनेशन में मई से लागू होगा।
लोगों की सुविधा का विशेष रूप से वास्तविक रखा गया है, हमने अब तक सबसे अधिक राजस्व प्राप्त कर पहला नया रिकॉर्ड दर्ज किया है। यह सभी के सामूहिक प्रयास से सुफल है, इस बार के बाद नए निवेशक बनने और बेहतर काम करने के लिए नतीजे देने का प्रयास करेंगे।
डीए पवन कुमार अहिरवाल, वरिष्ठ जिला पंजाब।
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