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Budhwa Mangal: संगीत की फुहार, इत्र और गुलाबजल की खुशबू से निखरा बुढ़वा मंगल, सुबह-ए-बनारस के मंच पर सजी महफिल

काशी में गंगा घाट पर बुढ़वा मंगल महोत्सव का आयोजन

बुढ़वा मंगल 2024
– फोटो : अमर उजाला

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बनारसी थाटबाट का हिस्सा रहा बुढ़वा मंगल मंगलवार को जवां। अस्सी घाट के सुबह-ए-बनारस के मंच पर सजी बुढ़वा मंगल की महफिल में कोलोनी और गुलाबजल की सुगंध के साथ संगीत का रस गाया तो सभी मदमस्त हो गए। पुरुष दुपलिया टोपी, सफेद कुर्ता-पायजामा तो महिलाएं गुलाबी गुलाब में नजर आईं।

होली पर काव्यार्चन से हुआ आरंभ। अरविंद मिश्रा हर्ष के ऑपरेशन टीवी में कंचनलता चौधरी, प्रियंका अग्निहोत्री, प्रियंका सिंह, डॉ. अलका जैन, डॉ. धर्म प्रकाश मिश्रा, डॉ. बीआई तिवारी, रुद्रनाथ त्रिपुंज, अंकित खत्री नादान, जगदीश्वरी गुड़िया, डॉ. पीएचडी मिश्रा, डॉ. नागेश शांडिल्य, सूर्य प्रकाश मिश्रा आदि ने काव्य पाठ किया।

इसके बाद संगीतज्ञ डॉ. राजेश्वर आचार्य की फैजाबाद में साजी संगीत की महफ़िल में तेजस्वनी वर्णेकर ने उपशास्त्रीय गायकी से आनंद की वर्षा की। उन्होंने किस तरह से खेल होरी देखो लला…, ना खेल सपने में तोसे होरी दोस्त…आदि पसंद।

बुढ़वा मंगल में अभिनव प्रयोग करते हुए काशी के युवा रॉकस्टार अमित साथियों और उनकी टीम ने भगवान शिव की रॉकिंग होली के अद्भुत नायक दिए। ऑपरेशन स्टॉकिस्ट खत्री ने किया। इस मशीन पर पं. रामानंद मिश्रा, मंज़िल मिश्रा, डॉ. पिता प्रताप सिंह, अभयश्री, पं. रमेश तिवारी, कृष्णमोहन आदि रहे।


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