BHU: रंग डारूंगी नंद के लालन पे… गीत से होली के रंग में सराबोर हुआ ओंकारनाथ ठाकुर प्रेक्षागृह, यादगार बना पल
ओंकारनाथ ठाकुर सभागार
– फोटो : अमर उजाला
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एल्युमीनियम के संगीत एवं मंच कला रेस्तरां परिसर में करीब आठ करोड़ की लागत से नए शिखर से तैयार होने वाले पंडित ओंकारनाथ ठाकुर प्रेक्षागृह के प्रोफेसर प्रो. इफ़्फ़ाल कुमार जैन ने किया उद्घाटन। इस दौरान परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
ओंकारनाथ ठाकुर परीक्षागृह में कुलगीत के बाद शिक्षक डॉ. ज्ञानेश चंद्र पांडे ने राग अहीर भैरव में रचित साधो गगन को अंधेरे में डूबा दिया। इसके बाद दादरा में मोरी छोड़ो डगरिया श्याम… गीत के माध्यम से राधा-श्याम के प्रेम का भाव संग्रह। इसके साथ ही रंग दार नमूने नंद के लालन पे, रंग दार नमूने… गीत से मोहक होली के रंग में सराबोर हो गया। टेबले पर आनंद मिश्रा, सिद्धार्थ सिद्धार्थ, हारमोनियम पर वाद्ययंत्र झा और बांसुरी पर अलैहब कुमार गौतम ने संगत की।
कार्यक्रम में प्रो. बीआईएसई ने राग पुरिया में मध्यलय तीनताल, राग सोनी में तबले की कुछ पारंपरिक बंदिशें प्रस्तुत कीं। इसके बाद डॉ. खिलेश्वरी पटेल और उनकी टीम के भरतनाट्यम के कलाकार बजा रहे हैं। स्वागत प्रमुख प्रो. के शशि कुमार ने. कार्यक्रम में कुल सचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, छात्र अधिष्ठाता, प्रो. एके नेमा, सलाहकार इंजीनियर पीके सिंह आदि मौजूद रहे।
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