Anuppur News : नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म, धर्म परिवर्तन कराना चाहता था आरोपित – The accused wanted to kidnap and rape a minor and convert her to religion
अनुपपुर समाचार : अपराध के चयन को देखते हुए न्यायालय ने आरोपियों को जमानत का लाभ नहीं दिया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान बोथ्स को सुना गया और अभिलेखों पर आए समग्र सिद्धांतों के आधार पर आरोपों को दंडित किया गया।
द्वारा धीरज कुमार बाजपेयी
प्रकाशित तिथि: सोम, 15 अप्रैल 2024 02:02 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: सोम, 15 अप्रैल 2024 02:02 अपराह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- 1 लाख 33 हजार रुपए के रिवाइवल का ऑर्डर भी।
- विशेष न्यायालय ने अंतिम निर्णय सुनाया।
- कल तक के लिए एलायथ लाइफ।
अनुपपुर समाचार : नईदुनिया प्रतिनिधि,अनूपपुर। नाबालिग को बहलाकर शादी का बंधक बंधक बनाने और धर्म परिवर्तन करने का प्रयास किया गया। इसके मामले में सोमवार को विशेष न्यायालय (अनुसूचित जाति जनजाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम) रविन्दर सिंह, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जजपुर के न्यायालय ने थाना अनूपपुर के अपराध धारा अपहरण, दुष्कर्म, पाक्सो अधिनियम, एसएसी एसटी अधिनियम और मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के प्रावधानों को खारिज कर दिया। सैय्यद निक असगर अली पुत्र सैय्यद ताजुद्दीन अली 35 वर्ष रेजिडेंट ओल्ड स्टॉकअमेरिकन को शेष प्राकृत मंडल तक के लिए एलायग क्लब की सजा सुनाई गई है। 1 लाख 33 हजार रुपये का रिवाइवल का ऑर्डर भी दिया गया है। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक हेमन्त अग्रवाल की हत्या की गयी।
10 जून 2021 को 16 साल पांच माह की नाबालिग का पता चला था
कोर्ट की ओर से आए जजमेंट के बारे में प्रभारी जिला लोक अभियोजक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि 10 जून 2021 को 16 साल में पांच माह का नाबालिग पता चला था। पिता ने थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखी थी। इस घटना के दौरान लगभग 50 दिनों की मुलाकात में बराक ने बताया कि अपराधी असगर अली शादी का सौदा अंबिकापुर ले गया और वहां उसके साथ कई बार गठबंधन और धर्म परिवर्तन करने की बात कही, जिसका आधार घटना में अपराध था। संबंधित दस्तावेज़ों को सूचीबद्ध किया गया, साक्षियों के संकलन लेख को शामिल करते हुए, आवश्यक वैज्ञानिक साक्ष्य का संकलन कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अपराध की तलाश में रखे गए आरोपियों को ज़मानत का लाभ नहीं
अपराध की चुनौती को देखते हुए कोर्ट ने दोषियों को जमानत का लाभ नहीं दिया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान बोथ्स को सुना गया और अभिलेखों पर आए समग्र सिद्धांतों के आधार पर आरोपों को दंडित किया गया। इसी तरह घटना के समय में वर्ष 16 वर्ष की लड़की को दोषी ठहराया गया था, जिसमें 35 वर्ष की उम्र में दोषी ठहराया गया था, जिस पर न्यायालय ने दण्ड के साथ साक्षात्कार के लिए प्रतिकर जाने का निर्देश दिया था, साथ ही अपराध में सुसंगत बाइक को विहित कर राशि की भी राजसात की थी। करने का आदेश दिया। इसी तरह के कोर्ट ने शेष प्राकृत समर्थकों तक के लिए अलग-अलग धाराओं में दोषियों को सजा सुनाई है।
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