हाथरस में हत्या के 2 दोषियों को आजीवन कारावास: मारने के बाद शव को दफना दिया था, 9 साल बाद आया कोर्ट का फैसला – Hathras News
हाथरस में न्यायालय ने हत्या के मामले में दोषी करार दिया। जिसमें दो पीड़ितों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई। दोनों को अतिरिक्त जुर्माना नहीं देना होगा।
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अभियोजन पक्ष के अनुसार राजेंद्र सिंह ने सादाबाद में यह तय किया कि उनके छोटे भाई देशराज सिंह बाइक से 17 अक्टूबर 2015 को नौपुरा में अर्जुन नैल करुआ, घनश्याम और भूरे जाटव से अपने रुपए लेने गए थे, लेकिन वापस नहीं लौटाए। राजेंद्र सिंह अपने भाई देशराज को देखने के लिए नौपुरा गए तो वह वहां नहीं मिला। कुछ लोगों ने उन्हें बताया कि इन तीनों नमाजियों ने देशराज के साथ मिलकर शराब पी थी। तबी के मुताबिक यह तीनों भी अपने घर से बढ़ीं। उनके इस किरदार पर पुलिस ने इन कहानियों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया।
पुलिस ने जब लापता और पूछताछ की तो 21 अक्टूबर 2015 को मई रोड पर नौपुरा को जाने वाले रास्ते पर श्मशान की जमीन पर एक शव गड़ा हुआ मिला। यह शव देशराज सिंह का था। देखने से लगता था कि गले पर आई चोट की वजह से उसकी मौत हुई है। पुलिस ने शव का सुराग लगाया। विवेचना के बाद पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसीसी द्वितीय महेंद्र कुमार रावत के न्यायालय में हुई।
न्यायालय ने तीनों पीढ़ियों को इस मामले में दोषी माना। अर्जुन सिंह कृतिका करुआ और घनश्याम कोर्ट में पेश हुए। जबकि भूरा जाटव कोर्ट में पेश नहीं हुआ। न्यायालय ने भूरे जाटव के खिलाफ गैर जमानती वारंट और कुर्की के आदेश जारी किए। अन्य दोनों आरोपियों अर्जुन सिंह और घनश्याम को अदालत ने उम्र कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थ दंड न देने पर अतिरिक्त दंड भोगना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से परवी एडी कंप्यूटर प्रतिभा राजपूत ने की।
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