संघ के स्थापना दिवस समारोह में महिला अतिथि को आमंत्रण के मायने – Meaning of invitation to female guest in the foundation day celebrations of the Sangh
माउंट एवरेस्ट रेस्टोरेंट को दो बार फतह कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराधान हरियाणा की महिला पर्वतारोही संतोष यादव को संघ ने अपने 97 वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।
द्वारा नवोदित शक्तावत
प्रकाशित तिथि: शनिवार, 24 सितंबर 2022 05:46 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: शनिवार, 24 सितंबर 2022 05:49 अपराह्न (IST)
कृष्णमोहन झा
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रति समर्पित वर्ष विश्व के सबसे बड़े संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्थापना दिवस समारोह प्रति विजयादशमी के शुभ अवसर पर संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में भव्यता दिवस का आयोजन किया जाता है जिसमें सरसंघचालक के द्वारा उद्बोधन के सभी देशों में जाने की बात कही गई है प्रतीक्षा की जाती है। इस साल इस समारोह में एक और आकर्षण शामिल हुआ है। संघ के इतिहास में पहली बार यह समारोह एक महिला के मुख्य आतिथ्य में शामिल हो रहा है। माउंट एवरेस्ट रेस्टोरेंट को दो बार फतह कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराधान हरियाणा की महिला पर्वतारोही संतोष यादव को संघ ने अपने 97 वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।
इंडो तिब्बती पुलिस बल के पूर्व अधिकारी और 2001 में पद्मश्री से सम्मानित संतोष यादव की उपस्थिति संघ के स्थापना दिवस समारोहों की श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी। वैज्ञानिक हैं कि वर्तमान में संतोष यादव योग, पर्यावरण प्रतीक के अलावा प्राकृतिक आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि संतोष पाल यादव के अलावा बच्छेंद्री, अरुणिमा सिन्हा और प्रेमलता अग्रवाल ने भी माउंट एवरेस्ट फतह कर अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत का डंका बजाया और साबित कर दिया कि साहसिक अभियान में वे किसी भी तरह के पुरुषों से हासिल कर सकते हैं। पीछे नहीं हैं।
संघ के स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित कर संघ निसंदेह का इतिहास रचा जा रहा है। संघ के इस निर्णय से यह भी पता चलता है कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में महिलाओं की भूमिका का विस्तार करने के लिए संघ ने मन बना लिया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विगत वर्षों में अपने कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन किया है जिसमें समाज के प्रतिष्ठित विद्वानों को आमंत्रित किया गया है जिनमें पूर्व राष्ट्रपति दा प्रणव मुखर्जी, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी डी आर डी ओ के पूर्व संस्था विजय सारस्वत, एच सी एल प्रमुख शिव शामिल हैं नादर, कंसल्टेंट फर्स्ट कंसल्टेंसी से जुड़े कृष्णा अय्यारी का नाम विशेष रूप से लिया जा सकता है, लेकिन संघ के स्थापना दिवस समारोह को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि संघ के इतिहास में किसी भी महिला को स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। गया है.
ऐसा देखने को मिलता है कि इस बार संघ ने संभावित रूप से यह संदेश देने का प्रयास किया है कि संघ महिलाओं और पुरुषों के बीच कोई भेदभाव नहीं करता है और समाज के हर क्षेत्र में वह दोनों के लिए समान अधिकार का पक्षधर है। संघ के स्थापना दिवस समारोह में महिला अतिथि के रूप में संतोष यादव ने संघ पर यह आरोप लगाते हुए कहा कि संघ में महिलाओं की अनदेखी की जाती है। दरअसल संघ की साझेदारी में पुरुषों के बराबर ही महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में संघ हमेशा सक्रिय रहता है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने समय-समय पर विभिन्न मंचों से अपने उद्गारों में बातचीत में कहा कि प्रकृति ने महिला और पुरुष में भेद किया है, उनके अलावा उनमें कोई अंतर नहीं है।
महिलाओं की रेटिंग को किसी भी तरह के पुरुषों से कमतर नहीं आंका जा सकता। पुरुषों के बहुत से कार्य महिलाओं के पुरुषों के लिए बेहतर तरीके से निर्धारित किये जा सकते हैं। इसलिए समाज और राष्ट्र की प्रगति में 50 प्रतिशत योगदान महिलाओं का भी है। पिछले दिनों संघमित्रा सेवा प्रतिष्ठा प्रकाशन समिति द्वारा प्रकाशित ग्रंथ “पूर्ण भारतीय महिला चरित्र संग्रह” के प्रथम खंड का विमोचन करते हुए मोहन भागवत ने कहा था कि हम भारत को विश्वगुरु बनाने के अभिलाषी हैं। हमारी यह अभिलाषा इस काम में महिला और पुरुष दोनों का समान योगदान सुनिश्चित करके पूरा हो सकता है।
सरसंघचालक चालक ने अपने भाषण में इस बात पर विशेष जोर दिया था कि हमारी परंपरा में मातृशक्ति का महत्व हमें सदैव याद रखना चाहिए। संघ प्रमुखों ने अपने भाषणों में एक ओर जहां मातृशक्ति की प्रति श्रद्धा और आदर का भाव प्रकट किया वहीं दूसरी ओर उन्होंने समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं को पुरुषों के बराबर का दर्जा देने के लिए विशेष बल प्रदान किया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत का मानना है कि महिला विमर्श भारतीय दर्शन के संग्रहालयों में होना चाहिए। 2025 में संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं।
अब जबकि विश्व के सबसे बड़े संगठन के रूप में संघ ने अपने शताब्दी वर्ष के आयोजनों को भव्य और गरिमामय स्वरूप प्रदान करने के लिए संघ के व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण में भाग लिया है तब सभी के इस स्थापना दिवस समारोह में महिला पर्वतारोही संतोष यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हैं संघ के निर्णय को ऐतिहासिक ही माना जा रहा है, जिसमें कई राजनीतिक निहितार्थ भी शामिल होने चाहिए, जबकि इसमें महिलाओं को संघ की मुख्य धारा में शामिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
दो साल में लगातार दो बार माउंट एवेरेस्ट को फतह कर अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत का नाम रोशन करने के लिए भारत की पहली महिला पर्वतारोही संतोष यादव को संघ के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित कर संघ ने कहा कि जो ऐतिहासिक शुरुआत है, उसके लिए संघ और संघ प्रमुख मोहन भागवत साधुवाद के पदाधिकारी हैं और अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में यह फिल्म निरंतर जारी रहेगी।
Source link