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मोदी सरकार ने विकास का नारा दिया और विकास को ही प्राथमिकता – Modi government gave Slogan of development and priority to development

आज पहली बार विश्व महाशक्तियों ने समझाया कि भारत की अहिंसा की जड़ता से मुक्ति है, जो भारत को 70 साल में पहली बार मिला है। स्वा सौ करोड़ भारतीयों के रूमेन का भारत अब खड़ा हो गया है और यह संपत्ति ही सबसे बड़ी वस्तु है।

द्वारा नवोदित शक्तावत

प्रकाशित तिथि: शनिवार, 01 अक्टूबर 2022 04:23 अपराह्न (IST)

अद्यतन दिनांक: शनिवार, 01 अक्टूबर 2022 04:23 अपराह्न (IST)

मोदी सरकार ने विकास का नारा दिया और विकास को ही प्राथमिकता दी

डॉ.सौरभ इंटरनैशनल

किसी भी देश, समाज और राष्ट्र के विकास की प्रक्रिया के आधार तत्व मानव, समुदाय, परिवार और व्यक्ति ही केंद्र में होते हैं, जिससे वहां के लोग सांप्रदायिक भाईचारे से अपने विकास की नैया को आगे बढ़ाते हैं और सुख एवं समृद्धि प्राप्त करते हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मूल संपत्ति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। देश में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में आये पूरे आठ साल हो गये हैं। इन आठ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां विश्वभर के कई देशों की यात्राएं करके अपने संबंध प्रगाढ़ बनाने का प्रयास किया है, वहीं देश में लोगों के सामाजिक, आर्थिक और आरंभिक विकास के लिए जन कल्याण की अनेक संस्थाएं बनाई हैं। इस समय देश में करीब-करीब सौ चीजें चल रही हैं। मोदी सरकार ने विकास का नारा दिया और विकास को ही प्राथमिकता दी। परिणामस्वरूप देश में चहुंओर विकास की गंगा बह रही है और मोदी ही मोदी के जयकारे गूंज रहे हैं।

श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में देश के अंतिम व्यक्ति तक के जीवन को सुखी एवं समृद्ध बनाने के सपने को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। मोदी के राज में देश ने लगभग सभी जिलों में विकास की गति पकड़ ली है। कृषि, उद्योग, रोजगार, आवास, परिवहन, बिजली, पानी, शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा व्यवस्था, धर्म, संस्कृति, पर्यावरण आदि क्षेत्रों में योगी सरकार ने तीन कार्य किये हैं। छात्रों को स्कैन दी जा रही है। वृद्धजन, विधवा एवं अनैतिकजन को पेंशन के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। अनाथ बच्चों के भरण-पोषण की भी व्यवस्था की गयी है। जिन परिवार में कोई नौकरी वाला व्यक्ति नहीं है, सरकार उन्हें भी वित्तीय सहायता उपलब्ध करवा रही है। निर्धन परिवार की लड़कियों एवं अविवाहित लोगों के विवाह के लिए अनुदान प्रदान किया जा रहा है। निराश्रित गौवंश के संरक्षण पर भी सरकार विशेष ध्यान दे रही है। नि:संदेह सरकार अपने वादों पर शत-चित्र चरित्र लाती है।

असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को सर्वोपरि नहीं कहते, उन्हें बर्बाद करते हैं। पिछले कुछ दशकों में भारतीय जनमानस का विभाजन हुआ था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को नए सपने दिखाए और उन्हें रंग दिया। अब उनके लोगों के ग्रेडिएंट की स्थिति यह है कि उड़ान के दिन-प्रतिदिन की छूट जा रही है, उनके सपनों को नए पंख मिल गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि एक बार जब हम संकल्प करते हैं तो हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं। हमें दस्तावेजों की नकल करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। जब हम अपनी उड़ान से जुड़े होते हैं, तब ही हम यात्रा भर कर सकते हैं, जब हम उड़ान भरेंगे तो संपूर्ण विश्व की संभावनाओं का समाधान हो जाएगा।

श्री नरेन्द्र मोदी ने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र को समर्पित किया है। वह दिन-रात्रि देश के लिए ही दिखते हैं, तभी तो अपने जन्मदिन को भी उन्होंने देश सेवा का माध्यम बनाया। उनका जन्मदिवस 17 सितम्बर को सिक्किम में स्वतंत्रता पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। 16 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले इस पखवाड़े के दौरान जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। लोगों को स्वतंत्रता का महत्व बताया जा रहा है और विभिन्न क्षेत्रों की स्वच्छता के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही हरित पर्यावरण एवं स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने पर बल दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्लास्टिक एकल के स्टूडियो पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरकारी संस्करणों में एवं अन्य संबंधित अल्कोहल में अल्कोहल को लेकर स्वतंत्रता की शपथ जा रही है। प्रधानमंत्री के जन्मदिन के जश्न में मनाए जा रहे हैं इस पखवाड़े की पत्रिका में मुख्य कार्यकारी हो रहे हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री का जन्मदिन एकमात्र व्यक्तिगत कार्यक्रम न देश और समाज के हित के कार्य करने का माध्यम बन गया है।

असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनमत संग्रह में विशिष्टता को संशोधित किया है और इसमें पूरे समाज की व्यक्तित्व में भागीदारी हो रही है। उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी आकांक्षाओं में से एक है। इसका उद्देश्य व्यक्ति, आधारभूत और तकनीकी शौचालयों के निर्माण के माध्यम से खुले में शौच की समस्या को समाप्त करना है। यह ग्रामीण और ग्रामीण दोनों अभियान एक ही क्षेत्र में संचालित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को दिल्ली के टेम्पल मार्ग पुलिस स्टेशन के सामने स्वयं कार्गो प्लाजा क्लियरेंस भारत अभियान का उद्घाटन किया था। इसके बाद वह वाल्मिकी बस्ती गए और वहां भी झाडू परिवहन परिवहन उठाया। मोदी सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के पहले चरण में ही 10.71 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया। आठ साल पहले जब प्रधानमंत्री ने यह अभियान चलाया था, तब 10 साल में केवल चार घर में ही शौचालय थे। स्वैच्छिक भारत अभियान के लागू होने के आधार पर लोगों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के निदेशक की जा रही है पर भी अंतरप्रांतीय कागजात। यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनरीएटा फोर ने स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसे समुदायों में ‘राजनीतिक समय और प्रयास’ का निवेश करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘राजनीतिक समय और प्रयास’ जैसे समुदायों में राजनीतिक समय और प्रयास का निवेश किया है। स्वतंत्रता संग्राम अभियान महागांधी को समर्पित किया गया, देशवासियों को समर्पित किया गया और इसमें गर्व की भावना हुई।

स्वच्छ भारत अभियान के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गांधीजी के दो सपने भारत छोड़ो और स्वच्छ भारत में से एक को साकार करने में लोगों की सहायता की, स्वच्छ भारत का दूसरा सपना अब भी पूरा होना बाकी है। उन्होंने कहा कि एक भारतीय नागरिक होने का गुण यह हमारा सामाजिक दायित्व है कि हम उनके स्वच्छंद भारत के सपने को पूरा करें। प्रधान मंत्री ने देश की सभी पिछली बस्तियों और सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक वस्तुओं द्वारा स्वतंत्रता को लेकर गए प्रयासों की वकालत करते हुए कहा कि भारत को स्वच्छ बनाने का काम किसी एक व्यक्ति या अकेले सरकार का नहीं है, यह काम तो देश के 125 करोड़ का है। लोगों द्वारा जाना जाता है जो भारत माता के पुत्र-पुत्रियां हैं। स्वच्छ भारत अभियान को एक जन आंदोलन में बदला जाना चाहिए। लोगों को थान लेना चाहिए कि वह न तो गंदगी करेंगे और न ही करने देंगे।

कुछ पूर्व जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से केंद्र में सरकार बनाई थी तब अन्य सामने वर्ष डॉक्युमेंट शिखर सम्मेलन था। ऐसे में प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के सहयोगियों के उद्घाटन समारोह में विकास की राह पर आगे बढ़ना आसान नहीं था, उन्होंने ऐसा करके दिखाया। मोदी की राय का आधार बताता है कि उनकी निकटतम दूर और स्पष्ट दृष्टि है, जबकि पिछले कुछ वर्षों से समाचारों में – नेताओं में गठबंधन, बर्चस्व, सरकार के ढुलमुल निर्णय, गंगोत्री का मनमर्जी, भाई-भतीजावाद, परिवारवाद अब दिखाई नहीं देता है।

किसी भी सरकार और देश के लिए उसकी महत्वपूर्ण छवि होती है। मोदी इस बात को भली-भांति समझते हैं। इसलिए विश्वभर के देशों में विदेशी भारत को याचना नहीं, कब्जे वाले शक्तिशाली और सशक्त देशों के मित्र स्थापित किए जा रहे हैं। नरेंद्र मोदी जिस पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में आज प्रधानमंत्री बने हैं, उस भारतीय जनता पार्टी का मूल विचार एकात्म मानव दर्शन एवं सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है और बौद्ध आदर्श भी इसी विचार को सत्य समाज द्वारा कहते हैं, हर एक तब तक सिद्धांतों की बात करते थे। समाज के प्रकटीकरण के लिए सरकार अलग-अलग समाधान समाधान के स्थान पर एक योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। लोगों के जीवन की गुणवत्ता, संरचना और सेवाओं में सामूहिक रूप से सुधार हो। प्रधानमंत्री इसी योजना के साथ गरीबों, ईसाइयों और पिछड़े लोगों के लिए प्रतिवेदन और वे अंत्योदय के सिद्धांत पर काम करते दिख रहे हैं।

वास्तव में भारत में स्वतंत्रता के बाद कुछ कथित बुद्धिजीवियों ने विलासिता के तीव्र दौर के शब्दों को कहा। उन्होंने देश में प्लास्टिक की पट्टियों को छल-कपट से अपने गोदाम में ले लिया। राष्ट्रीयता से ओटी-प्रोएट रसायन मार्ग पर आमना-सामना अवरुद्ध हो गया। अब अवरुद्ध मार्ग आउटलेट लगा है। संस्कृति से उपजा संस्कार बोला जाता है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का आधार हमारी युगों की पुरानी संस्कृति है, जो रिवाइंड से चली आ रही है। यह सांस्कृतिक एकता है, जो किसी भी बंधन से अधिक साझेदार एवं संबद्ध है, जो किसी भी देश में लोगों को एकजुट करने में सक्षम है। इसी ने देश को एक राष्ट्र के सूत्र में बांधा रखा है।

भारत की संस्कृति भारत की धरती की उपज है। उसका खुद का अड्डा है। साधना की दुकान है. उसकी एकता, एकात्मता, विशालता, समन्वय धरती से निकली है। भारत में आसेतु-हिमालय एक संस्कृति है। उनकी भारतीय राष्ट्र जीवन प्रेरणा हुई है। अनादिकाल से यहाँ का समाज अनेक सम्प्रदायों का निर्माण करके भी एक ही मूल से जीवन रस ग्रहण करता आया है। सांस्कृतिक नैतिकता के सिद्धांत को नरेंद्र मोदी इसी रूप में पूरा कर रहे हैं।

पिछले सात दशकों में भारत की राजनीतिक नेत्तृत्व के पास विश्व में अपनी विचारधारा के लिए कुछ भी नहीं था। सत्य तो यही है कि इन राजनीतिक दुष्चक्रों के कारण हम अपनी अहिंसा को अपनी कायरता की ढाल बना रहे थे। आज पहली बार विश्व महाशक्तियों ने समझाया कि भारत की अहिंसा की जड़ता से मुक्ति है, जो भारत को 70 साल में पहली बार मिला है।

सावा सौ करोड़ भारतीयों के रूम का भारत अब खड़ा हो चुका है और यह सामान ही सबसे बड़ा सामान है, वहीं तो इस सामान का शंखनाद न्यूयार्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन से लेकर सिडनी, बीजिंग, काठमांडू और ईरान तक अपने मजबूत भारत की कहानी से यादें रह रहा है. आठ वर्षों के कार्य का आधार मजबूत मजबूती को पूरा करना दिख रहा है। भारत के लिए नरेंद्र मोदी को अपना मजबूत इरादा बनाकर और मेहनत करना जरूरी है। मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के आठ साल पूरे कर लिए हैं। इस सरकार के दो साल अभी बाकी हैं। आशा है कि मोदी सरकार आगामी वर्षों में भी विकास के नित नए सोपान तय करेगी और भारी जन समर्थन और आशीर्वाद देते रहेंगे।

लेखक-

(मीडिया शिक्षक एवं राजनीतिक रुख है)

  • लेखक के बारे में

    वर्तमान में नईदुनिया डॉट कॉम में शेयरधारक हैं। पत्रकारिता में अलग-अलग नामांकन में 21 साल का दीर्घ अनुभव। वर्ष 2002 से प्रिंट और डिजिटल में कई बड़े दिन सिद्धांत


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