बिज़नेस के लिए सबसे बेहतर टॉप 10 देश, लिस्ट में भारत कितने नंबर पर – BBC News हिंदी
इकोनॉमिस्ट सर्जरी यूनिट (ईआईयू) ने दुनिया के सबसे अच्छे देशों की व्यापार सूची जारी की है।
बिग न्यूज के लिए जाने वाले द इकोनॉमिस्ट ग्रुप के रिसर्च विंग की इस रिपोर्ट में अर्जेंटीना की स्थिति में बदलाव देखा जा सकता है, वहीं चिली की स्थिति में बड़ी गिरावट आई है।
भारत इस सूची में 51वें नंबर पर है।
ईआईयू इस ग्लोबल लिस्ट में वो देश शामिल हैं जो बड़े किशोरों को अपने निवेश का निवेश करते हैं, उनके क्षेत्र में करने का फैसला करने के लिए सबसे अच्छे मौके देते हैं।
इनमें व्यापक आर्थिक स्थिरता, राजनीतिक स्थिति, बाज़ार में मौक़े, व्यापार को लेकर प्रतिबंध और कर व्यवस्था शामिल हैं। लातिन अमेरिका में ईयू के वरिष्ठ अर्थशास्त्री निकोलस सालदिया कहते हैं, “हम इस बात का आकलन करते हैं कि आने वाले पांच शताब्दियों में क्या हो सकता है।”
टॉप 10 देश
इस अध्ययन के लिए कुल 91 इंडिकेटर्स को शामिल किया गया था, जिनमें कुल 11 स्थानों को शामिल किया गया था। इनके आधार पर शोधकर्ताओं ने 82 देशों की एक सूची बनाई है।
निकोलस कहते हैं, “अपने विश्लेषण में हमने राजनीतिक संगीत के ख़तरे जैसे इंडीकेटर को भी जगह दी है क्योंकि किसी भी देश के व्यापार माहौल पर असर पड़ता है।”
ईयू की रिपोर्ट के मुताबिक, लिस्ट में सिंगापुर, डेनमार्क और अमेरिका पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं। आने वाले प्राचीन काल में ये देश सबसे ज्यादा निवेश आकर्षित कर सकता है। सूची में जर्मनी और स्विट्जरलैंड का नाम शामिल है।
इस सूची में शीर्ष 10 मुज़फ़्फ़रों में कनाडा, स्वीडन, न्यूज़ीलैंड, हांगकांग, काँग और फ़िनलैंड के अलावा अन्य शामिल हैं।
सिंगापुर की सफलता
दक्षिणपूर्व एशिया का एक छोटा सा देश इस सूची में सबसे ऊपर कैसे है?
60 करोड़ की आबादी वाला सिंगापुर उगना स्वर्ग के लिए बना है। इसका कारण व्यापार को लेकर खुलापन, कमजोर तकनीक के साथ बदलाव लाना, राजनीतिक स्थिरता और कम स्थायित्व है।
सिंगापुर टेक्नोलॉजी, प्रोडक्शन और फाइनेंशियल सर्विसेज के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को काफी बढ़ावा मिलता है, साथ ही कम टैक्स और व्यापार में रुकावटों को दूर करने का पक्ष लिया जाता है।
ये छोटा सा देश अपने यहां रहने वाली कपानियों को प्रोत्साहन तो देता ही है, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, सड़कों और सार्वजनिक कार्यालयों में वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए भी बड़ा निवेश किया है।
सिंगापुर समुद्र मार्ग वाले व्यापार का भी बड़ा केंद्र है। इसके पास उच्च कुशल कामगार हैं जो बड़े स्नातकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।
अर्जेंटीना, बदलाव की हवा
ईयू की रिपोर्ट में टॉप 10 देशों के अलावा बिग के प्रमुखों की एक और सूची भी दी गई है।
इस सूची में रैंकिंग के आधार पर देशों का नाम शामिल नहीं किया गया है, बल्कि देशों के नाम के प्रारूप में स्थिति में सुधार हुआ है और आने वाले समय में वे अधिक निवेश आकर्षित कर सकते हैं।
इस सूची में सबसे पहला नाम ग्रीक (वैश्विक रैंकिंग में 34वां स्थान) का है, जिसके बाद अर्जेंटीना (54वां स्थान), भारत (51वां स्थान), अंगोला (78वां स्थान) और कतर (26वां स्थान) का नाम है।
दक्षिणपंथी नेता जेवियर मैली के दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना के राष्ट्रपति बनने के बाद इसकी स्थिति में सुधार हुआ है और ये गुरु के बाद दूसरे नंबर पर हैं।
अगले पांच दशकों में यहां निजी निवेश आकर्षित करने की बड़ी संभावना का आकलन किया जा रहा है।
निकोलस कहते हैं, “ऐसा लगता है कि आने वाले पूर्व में यहां की सरकार कई ऐसे हस्तक्षेप करने वाली कंपनियों को बदलेगी जो व्यापार के लिए नकारात्मक हैं।”
इनमें विशिष्टकर संसाधन और ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापार का उदारीकरण, मुद्रा से सरकारी नियंत्रण और विदेशी निवेश को शामिल करना शामिल है।
ईआईयू ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी ध्यान दिया है कि मैली सरकार मूल्य नियंत्रण में भी सरकार की भूमिका कम कर रही है जो अर्थव्यवस्था की दिशा में परिवर्तन एक अहम साबित हो सकती है।
लेकिन अर्जेंटिना सरकार ने अभी सुधारों को लागू करना शुरू कर दिया है और उसमें कांग्रेस ट्रेड यूनियनों की तरफ से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इकोनॉमिस्ट का कहना है कि “अभी भी सुधार की बहुत ज़रूरत है।”
एक और देश जिसने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है वह डोमिनिकन गणराज्य है।
निकोलस कहते हैं कि लातिन अमेरिका में राजनीतिक रूप से सबसे स्थिर विचार रखने वाला यह देश लगातार आर्थिक विकास की राह पर है।
हालाँकि वो कहते हैं कि डोमिनिकन गणराज्य के बाज़ार में मौक़े सीमित हैं और यहाँ पैर जमा पाना बेहद मुश्किल है क्योंकि ये छोटी अर्थव्यवस्था है।
हालाँकि बाकी की राय में ये “लगातार आगे बढ़ रही है।”
भारत, युवा जनसंख्या का लाभ
ईआईयू की रिपोर्ट के मुताबिक, निवेशक चीन से बाहर दूसरे देशों में निवेश करना चाहते हैं और भारत को इसका फायदा मिल सकता है।
भारत एकमात्र ऐसा एक बाज़ार है जो चीन की तुलना में व्यापक बाज़ार की संभावना प्रस्तुत करता है। यहां युवा आबादी अधिक है और कृषकों की मांग के अनुसार जीवाश्म संभव हो सकता है।
देश में ठोस आर्थिक दर्शन सिद्धांत, डिजिटल पुरातात्विक संरचना और युवा आबादी तो है ही, सरकारी उत्पादन क्षेत्र और निवेश आकर्षित करने के लिए नीतिगत बदलावों की दिशा में काम कर रही है।
वहीं, रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले वक्त में कतर और भारत दो ऐसे देश हो सकते हैं जो रेशमी से आगे बढ़ेंगे। ये वो देश हैं जहां नीतिगत स्तर पर बड़े पैमाने पर बदलाव हो सकते हैं, ढांचागत निवेशकों में निवेश और बाजार में मौका भी बढ़ेगा।
चिली की रैंकिंग में गिरावट
वहीं ईआइयू की रैंकिंग में अर्जेंटिना का पड़ोसी चिली वोल्टिन अमेरिकी बाजार सर्वोच्च स्थान पर बना हुआ है।
हालाँकि इसकी रैंकिंग में आठ अंकों की गिरावट दर्ज की गई है और इस सूची में 22वें स्थान से 30वें स्थान पर रखा गया है।
निकोलस कहते हैं, “वहाँ की स्थिर गेब्रियल बोरिक सरकार ऐसी कंपनियों को बढ़ावा दे रही है जो व्यापार के लिए सर्वश्रेष्ठ नहीं हैं।”
वोले इल्म के उदाहरण देते हुए कहा गया है कि सरकार ने जो नीति बनाई है, उसके अनुसार इस क्षेत्र में निवेश करना चाहती रही है, लेकिन उद्यमों को समर्थन देना होगा।
वो कहते हैं, “ये निवेश के आवेदन नकारात्मक हैं।”
ईयू के विश्लेषण में चिली की रैंकिंग कम होने की एक और वजह यह है कि सरकार ने यहां ऐसे श्रम कानून बनाए हैं जो “अधिक प्रतिबंधात्मक” हैं।
इनमें न्यूनतम वेतन वृद्धि और काम के घंटे कम करने जैसे कदम हैं।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि खनन क्षेत्र में विदेशी निवेशकों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
निकोलस सलादिया कहते हैं, “राजनीतिक रूप से चिली में तेजी से ध्रुवीकरण हो रहा है, जिससे समष्टि बढ़ रही है। एक और कारण जिसका प्रभाव पड़ता है कि चिली में निवेश की संभावना कम हो रही है वो ये है कि यहां अपराध की दर बढ़ी है।” और ये गंभीर सुरक्षा चिंता बन गई है.
द इकोनॉमिस्ट का कहना है, “लोगों को चुनौती दी जा रही है, जिस देश में सुरक्षा की धारणा को चुनौती दी जा रही है, उस देश में अलग-अलग अपराधी गिरोह हैं।”
देश के सामने इन कथाओं के अलावा, करों, खेल का स्तर, वित्तीय बाजार का विकास और ढांचागत विकास को देखते हुए ईयू ने चिली के टुकड़ों को महान देशों से बेहतर देश के रूप में पेश किया है।
अन्य पोर्टफोलियो के साथ-साथ निवेशकों ने स्टॉक की बांड की स्वतंत्रता, पासपोर्ट के काम करने का तरीका, कम बांड और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए मजबूत कदमों को शामिल किया है।
देश के आकलन को प्रभावित करने वाला दूसरा कारण यह है कि यहां बहुत स्पष्ट निवेश व्यवस्था है।
ईयू के विश्लेषण में यह भी कहा गया है कि चिली की जनसंख्या में गिरावट हो रही है, लेकिन बड़ी संख्या में कलाकारों से अलग-अलग स्टार्टअप के साथ यह कामघर तक पहुंच रहा है, जिस देश में युवा गुटों की फौज तैयार हो रही है।
ईयू की रैंकिंग में आने वाला दूसरा टकलिन अमेरिकी देश मैक्सिको (वैश्विक स्तर 45वां स्थान) और तीसरा कोस्टा रिका (47वां स्थान) है। वहीं लातिन अमेरिका के देशों और पूरी दुनिया की सूची में अंतिम स्थान वेनेजुएला पर है।
(बीबीसी के लिए कलइंटरव्यू न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित)
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