प्रधानमंत्री मोदी ने की मुसलमानों पर टिप्पणी, कांग्रेस ने दिया तीखा जवाब – BBC News हिंदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बांसुरी वादकों में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस मां-बहनों का सोना लेकर ‘घुसपैठियों को बांटना’ चाहती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में नफ़रत के बीज बो रहे हैं।
मोदी के भाषण के कुछ देर बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परावन ने एक वीडियो जारी कर कहा, ”हमारे घोषणा पत्र में कहीं भी हिंदू-मुसलमान ने लिखा हो तो दिखाओ”
रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का मकसद पानी और गैस को घर-घर बनाने की नीति के बाद अब ‘हर घर-सूर्य घर’ बनाना है।
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले पांच साल में भी लोगों को मुफ्त राशन जारी रहेगा, इसका सबसे बड़ा फ़ायदा आदिवासियों, परिवारों और क्रमिक वर्गों के परिवारों को मिलेगा।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि देश में एक स्टील सरकार का विनाश है, जो सरहदों की सुरक्षा कर सके और पाताल में भी विध्वंसक का विनाश कर सके।
मोदी ने कहा, ”इतना बड़ा देश क्या किसी ऐसे व्यक्ति को दे सकता है जिसका कोई ट्रैक रिकॉर्ड ना हो। एक मोदी है, जिसे आप जानते हैं, 23 साल हो गए, 13 साल गुजरात में भी डूंगरपुर-बांसवे के लोगों ने मुझसे कहा से देखा है।”
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‘जिनके ज़्यादा बच्चे हैं बाँटेंगे’
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कांग्रेस के मेनिस्टो पर सारगर्भित भाषण दिया और कहा कि कांग्रेस पार्टी देश की महिलाओं के सोने का दावा करके उन्हें बांधना चाहती है।
मोदी ने कहा, “हमारे आदिवासियों में चांदी है, जो उनकी संपत्ति है, जो उनकी संपत्ति है, जो संपत्ति है, जो संपत्ति है। आपकी मेहनत से कमाई गई संपत्ति को सरकार बनाने का अधिकार क्या है?
अपने भाषण में मोदी ने कहा, ”पहले जब उनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार कलाकार का है, इसका मतलब है ये संपत्ति इकट्ठा करके किसे बांटेंगे- ज्यादा से ज्यादा बच्चे बाहर बांटेंगे, आतंकियों को बांटेंगे। मेहनत का पैसा निवेशियों को दिया जाएगा?
मोदी ने कहा, ”कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के सोने का हक खाएंगे, उनके जानकारियों के शेयर और फिर उन्हें बांध देंगे और उनके साथ बांटेंगे मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार संपत्ति का है” .ये आदिवासी आदिवासियों की सोच, मेरी मां-बहनों ये तुम्हारा मंगलसूत्र भी नहीं बचेगा, यहीं तक जाओगे।”
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कांग्रेस ने दी मोदी को चुनौती
फ़्रांसीसी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस भाषण की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि प्रधानमंत्री नफ़रत के बीज बो रहे हैं।
नेता कांग्रेस राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा“पहले चरण के मतदान में बिखराव के बाद नरेंद्र मोदी के झूठ का स्तर इतना गिर गया कि डर कर वह अब जनता को एकजुटता से भटकाना चाहते हैं।”
“कांग्रेस के ‘क्रांतिकारी मेनिफेस्टो’ को मिल रहे अपार समर्थन के रुझान आने शुरू हो गए हैं। देश अब अपने समर्थकों पर वोट चाहता है, अपने रोज़गार, अपने परिवार और अपने भविष्य के लिए वोट चाहता है। भारत भटकेगा नहीं!”
कांग्रेस नेता पवन प्रशांत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा, ”देश के प्रधानमंत्री ने आज फिर झूठ बोला। बाद में।”
उन्होंने कहा, ”आप अपने देश को हिंदू-मुसलमान के नाम पर झूठा समर्थन दे रहे हैं. मैं चुनौती देता हूं प्रधानमंत्री को कि कांग्रेस के मेनिफेस्टो में कहीं भी मुस्लिम और हिंदू शब्द हो तो हमें बताएं और ये चुनौती स्वीकार करें या नहीं तो झूठ बोलें” बंद करो।”
“कांग्रेस के मेनिफेस्टो में न्याय की बात है, न्याय प्रेमियों के साथ, न्याय महिलाओं के साथ, न्याय मित्र के साथ, न्याय मित्र के साथ। उस पर प्रधानमंत्री को न्याय की बात है। हमारा न्यायपत्र प्रधानमंत्री को न्याय सिखाता है। और उनकी दस साल की कृति के निर्माता हैं। ये पूरे दस साल के हिंदू-मुसलमान बनकर खत्म हो गए और फिर से चुनाव में हिंदू-मुसलमान लेकर आए हैं।”
उन्होंने आगे कहा, ”झूठ बोलो और इस तरह के देश को भी रोशनी में शर्म आनी चाहिए…प्रधानमंत्री जी आपके झूठ के कारण लोग हमारे मेनिफेस्टो पढ़ रहे हैं और आपके झूठ को भी उसी में ढूंढ रहे हैं कि कहां लिखा है हिंदू और कहां” मुस्लिम लिखा। इस तरह का शब्द हमारे मेनिफेस्टो में है संविधान में है और न ही हमारे दिमाग में है और न ही इस समाज में है।”
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पवन एसोसिएट्स ने कहा, “सिर्फ और सिर्फ आपकी लक्जरी में है और कहीं नहीं है। झूठ बोलना बंद करिए प्रधानमंत्री जी। अब समय बचा है। जाइए, पसंद हो जाइए और बैजत पसंद हो जाइए। कम से कम झूठ आपको शोभा नहीं देता।” इस कुरसी पर। आपने पहले बहुत ही लिखा है महानुभाव बैठे हैं और किसी ने इस तरह का झूठ नहीं बोला है, जिस तरह से आप बोले हैं।”
“तुम्हारे बाद भी बहुत अच्छे लोग आए थे। प्रधानमंत्री कहेंगे और कोई भी इस तरह से झूठ नहीं बोलेगा। तुम्हारा नाम इतिहास के दांतों में होगा, जिस तरह का तुम झूठ बोलोगे। माफ़ किगा ये भाषा हम तुमसे ही सीखे हैं।”
वहीं झारखंड के झारखंड में हुई इंडिया गठबंधन की एक रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उन्होंने कहा, “देश में लोकतंत्र और संविधान खत्म हो गया, तो जनता के पास कुछ नहीं बचेगा। बाबा साहब कोम जी और शहीद नेहरू जी ने सभी को वोट का एक समान अधिकार दिया, जिससे सभी गुरुओं को सम्मान मिला। पीएम मोदी ने गरीबों से अपना अधिकार मांगा।” छीनना चाहते हैं।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “नरेंद्र मोदी आज कल कहते हैं- मैं लोगों के लिए जो काम कर रहा हूं, वो बस ‘ट्रेलर’ है। अगर टेलीकॉम में ही इतने दिखते हैं तो ‘फिल्म’ कैसी होगी?”
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कांग्रेस के युवा नेता श्रीनिवास बीवी ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के अंश साझा करते हुए लिखा, ”ये देश का दुर्भाग्य है कि ये व्यक्ति इस देश का प्रधानमंत्री है, और ये भी बड़ी साजिश है कि भारत का चुनाव आयोग अब जिंदा नहीं है” ।”
उन्होंने लिखा, ”हार की बौखलाहट के साथ प्रधानमंत्री भारत के प्रधानमंत्री नफरत का बीज बो रहे हैं, मनमोहन सिंह जी के 18 साल पुराने नामांकन पत्र को मिसकोट कर (गलत संदर्भ में इस्तेमाल) कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग (मोदी का परिवार) ) नतमस्तक है।”
अर्थशास्त्री सिंह ने क्या कहा था?
भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्ष 2006 में राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की बैठक में भाषण दिया था।
मनमोहन सिंह ने कहा था, “मेरा मानना है कि हमारी सामूहिकताएँ स्पष्ट हैं- कृषि, सीना-जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण पिछड़े वर्ग में महत्वपूर्ण निवेश और सामान्य वैश्यावृत्ति के लिए आवश्यक सार्वजनिक निवेश की बर्बादी। -अनुसूचित जनजाति, अन्य फ़्लोरिडा के लिए कार्यक्रम, अल्पसंख्यक और महिलाओं और बच्चों के लिए कार्यक्रम।”
उन्होंने कहा था, “अनुसूचित रॉकस्टार और चर्च को पुनर्जीवित करने की बर्बादी है। हमें नई यादें ये सुनिश्चित करना होगा कि अल्पसंख्यकों का और विशिष्ट नाटकों का भी उत्साह हो सके, विकास का लाभ मिल सके। इन सभी का दावा सबसे पहले होना चाहिए।” चाहिए। केंद्र के पास बहुत सारी साखियां हैं और ओवर-ऑल कर्मचारियों की दुकानों में कृषि उत्पादों का समावेश करना होगा।”
ध्यान देने वाली बात यह है कि मनमोहन सिंह ने यह भाषण अंग्रेजी में दिया था और उन्होंने अधिकार या हक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था, जबकि उन्होंने अंग्रेजी में ‘क्लेम’ शब्द का इस्तेमाल किया था। यह डॉक्युमेंट आर्काइव पर है यहाँ उपलब्ध है.