गृहमंत्री का जम्मू -कश्मीर दौरा, बड़ी तैयारी का संकेत – Home minister amit shah visit to jammu and kashmir a sign of great preparation
कश्मीर के महाराजा हरि सिंह की जयंती के अवसर पर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करते हुए, समाजवादी पार्टी के राज्य प्रशासन ने समाजवादी पार्टी को मनोनीत करने वाले प्रमुखों की घोषणा की है।
द्वारा कुशाग्र वलुस्कर
प्रकाशित तिथि: शुक्र, 07 अक्टूबर 2022 09:28 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: शुक्र, 07 अक्टूबर 2022 09:28 अपराह्न (IST)
मृत्युंजय लेखक
जम्मू कश्मीर में आवंटन-370 और 35-ए का समापन होने के बाद अब केंद्र सरकार ने वहां की राजनीति में भी अहम बदलाव करने की तैयारी शुरू कर दी है। विजयादशमी के अवसर पर मठाधीश अमित शाह ने माता वैष्णो देवी के दर्शन करके अपनी संयुक्त यात्रा की शुरुआत करते हुए गुपकार समूह की हवा में उन सभी मंदिरों को समर्पित संदेश दिया जो हमेशा पाकिस्तान की तरफदारी करते हैं। केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है और वहां विकास की गति तेज हो गई है और मजबूत स्थिति कानून व्यवस्था का लेकर सहारा परिवारवाद की राजनीति करने वाले विरोधी विचारधारा का सफ़ाया करने का समर्थन अमित शाह कर रहे हैं उसने खुद को अपने हाथों में ले लिया है। बाद में राज्य के तीन परिवारों ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए राज्य का बेड़ा गर्क कर दिया। भगोड़ा, कारीगर, भाई भतीजावाद ने जन सामान्य का जीवन दुस्वार था। अब एनोटेशन -370 का समापन हो जाने के बाद आगामी चुनावों में सभी परिवारवादी आश्रमों के समापन की भी तैयारी की जा रही है।
पूर्व राज्य प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह की जयंती के अवसर पर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करते हुए राज्य प्रशासन द्वारा राज्य में मनोनीत किए गए प्रमुखों के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 32 साल बाद जम्मू कश्मीर में सिनेमाघर खुल गए और फिल्मों की शूटिंग भी शुरू हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जम्मू-कश्मीर की आम जनता के समर्थन ने गुपकारवासियों की जमीन हिला दी थी, जम्मू से लेकर कश्मीर घाटी तक हर जगह पर हमला किया गया था, जिसमें गहरी छाप छोड़ी गई थी। मुफ़्ती और अब्दुल्ला परिवार की कयामत देखी थी।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की कमर धीरे-धीरे टूट रही है और राज्य को दहलाने की हर योजना को सुरक्षा बल और खुफिया समूह मिलकर नाकाम कर रहे हैं। आज राज्य में पत्थरबाजी बहुत कम हो गई है और ज्वालामुखी भी अपनी आखिरी सांसें गिनता हुआ दिखलाई पड़ रहा है। गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर के विकास और शांति समर्थक नहीं लग रहा है और वह लोग भारत के खिलाफ नारेपेगेंडा हर मंच पर चला रहे हैं।
आतंकवादी अमित शाह ने गुपकार समूह पर पाकिस्तान और चीन को बड़ा और स्पष्ट संदेश देने का दो दिव्य दौरा करने का प्रयास किया है। शैतान ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होगी। उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से रेहड़ियों का सफाया करेगी और इसे देश में सबसे ज्यादा सिलिकॉन वाली जगह बनाएगी। रैली में उन्होंने हैंडसंगठन से पूछा कि क्या घोड़े से कभी किसी को फायदा हुआ है? क्योंकि जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक से अब तक 42,000 लोगों की जान जा चुकी है। अपनी प्रतिज्ञा में उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि हमें पाकिस्तान से बात करनी चाहिए? हम पाकिस्तान से बात नहीं करेंगे हम बारामूला के लोगों से बात करेंगे, हम जम्मू-कश्मीर के लोगों से बात करेंगे। अपने शिष्य में उन्होंने साफ किया कि मोदी जी का शासन विकास और रोजगार मोदी जी के मॉडल और गुपकार मॉडल में बहुत अंतर है। उनका कहना था कि मुफ़्ती एंड कंपनी, अब्दुल्ला और उनके बेटों और कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कुछ नहीं किया। राक्षस ने कहा कि उनके नियम कुशासन, संविधान और विकास की कमी हो गए थे।
राजौरी रैली में भी राज्य के सभी गरीबों को उनका हक मिला है। राजसौरी की रैली में मोदी-मोदी के नारे लग रहे थे, जिसके शौकीन अमित शाह ने कहा था कि 70 साल तक कश्मीर पर तीन परिवारों का शासन रहेगा। पूर्व लोकतंत्र का मतलब था 87 विधायक, छह सांसद और तीन परिवार। अब प्रधानमंत्री ने इसे तीस हजार परिवारों तक पहुंचाया है। जम्मू-कश्मीर में मोदी जी लोकतंत्र को पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर तक ले गये। इब्राहिम अमित शाह ने सबसे बड़ा ऐलान पहाड़ी, गुर्जर और बकरवाल जनजाति को किया है, जिसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिल सकता है। अभी तक इन जूठन को कोई फायदा नहीं मिल रहा था। यह जातियां कम से कम दसवाँ जिला पर सीधा प्रभाव डालती है। अविश्वासी का कहना था कि पहले जिन बच्चों के हाथों में पत्थर थे अब मोदी सरकार उनके हाथों में लैपटाप दे रही है।
2019 से अब तक 56 हजार करोड़ का निवेश हो गया है। भुगतान किया गया है। जम्मू-कश्मीर में अब तक दो लाख लोगों को आवास और पांच लाख लोगों को स्वच्छ जल सुविधा मिल चुकी है।
कांग्रेस के गणतंत्र में 2006 से 2013 तक प्रदेश में 4766 कांड शामिल हुए जबकि वृत्तचित्र -370 के बाद से अब तक 721 कांड शामिल हुए। एडिट -370 का समापन हो जाने के बाद पिछड़ा, दलित, जूनियर, कर्मचारी और सफाई कर्मचारियों को उनका अधिकार मिल रहा है। गुपकार के लाल चौक पर एक समय ऐसा नहीं आया जब भाजपा ने यात्रा निकाली थी और वहां के प्रशासन ने उस यात्रा को रोक दिया था, वहां आज हर घर में गणतंत्र दिवस पर हमला हो रहा है। है.
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की अलग-अलग सूची चल रही है जिसमें 25 लाख नए नामांकन शामिल हो रहे हैं। नई सूची के आने के बाद ही वहां चुनावी प्रक्रिया शुरू होगी जिसके लिए सभी दल अपने-अपने प्रतिनिधियों में शामिल हो गए हैं। राज्य के सभी विरोधी विचारधारा वाले विचारधारा – 370 की बहाली के लिए गुपकार ग्रुप बनाया गया है और वह पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ रहा है। गुपकार समूह में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में उनके वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद शामिल हैं और उनकी पार्टी द्वारा पार्टी से छुट्टी ले ली गई है। कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता कर्ण सिंह के परिवार ने भी अब कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है। आम आदमी पार्टी ने भी नकारात्मक ज्योतिष को बल देते हुए जम्मू कश्मीर में अपनी जमीन तलाशने का काम शुरू कर दिया है। पिछले दिनों जब अचानक से अंधविश्वासी पंडितों की एक बार फिर से किलिंग हुई तब आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अपना स्वामित्व खो दिया था और घाटी में जो सरकार विरोधी प्रदर्शन कर रही थी उसमें आप का ही हाथ था।
पाकिस्तान प्रशासन जम्मू कश्मीर के अंतरराष्ट्रीय मंचों को उठा रहा है जिसका जवाब भारत सरकार भी दे रही है। यहां पर भी अविश्वास -370 सुप्रीम कोर्ट में 200 याचिकाओं पर सुनवाई जारी है, जिसमें भारत के अंदर और बाहर राजनीतिक दलों के अलग-अलग गुट शामिल हैं। यासीन आमिर जैसे खुंखार समुद्र तट के आतंकवादियों के पीछे भी चुनाव में महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इसके कारण भी गुपकार समूह में खतरे का खतरा है।
जम्मू-कश्मीर का गुपकार समूह केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के हर कदम की आलोचना करता रहता है। जम्मू-कश्मीर में पहली बार इंडिपेंडेंट और सिविलियन्स की चुनावी तैयारी की तैयारी जारी है। अभी तक वहां 18 फीसदी से ज्यादा वोटिंग नहीं हुई है लेकिन इस बार भारी वोटिंग वोटिंग की जा रही है। वर्तमान समय में अमित शाह के दौरे पर राज्य की राजनीति में भी बदलाव देखने को मिला है और यह कौन सा सफल होगा तो आगे आने वाला समय ही बताएगा। यह भी तय है कि अभी आने वाले दिनों में मोहित और प्रधानमंत्री राज्य के कई दौरे कर सकते हैं और वहां की जनता को कई तोहफे दे सकते हैं।
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