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कोर्ट को फैसला सुनाते समय डीएनए परीक्षण की सार्थकता और शुद्धता को पहचानना जरूरी – It is important for the court to recognize the significance and accuracy of DNA testing while giving its verdict

साउथ आइलैंड के डेंटलवे का मामला। डायनासोर के बाद बच्चे का जन्म हुआ। पिता अपनी सौतेली की नाबालिग बेटी के साथ कॉन्स्टैंट का रिश्ता कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने फ्लिप रिपोर्ट भी लिखी।

द्वारा योगेश्वर शर्मा

प्रकाशित तिथि: मंगलवार, 23 अप्रैल 2024 06:00 पूर्वाह्न (IST)

अद्यतन दिनांक: मंगलवार, 23 अप्रैल 2024 06:00 पूर्वाह्न (IST)

न्यायालय को निर्णय सुनाते समय डीएनए परीक्षण की सार्थकता और सर्वेक्षण को पहचानना आवश्यक है
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला जिसने न्याय दृष्टांत, पाक्सो कोर्ट के फैसले को दोषी करार दिया

नईदुनिया न्यूज,बिलासपुर। एक मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को निर्णय सुनाते समय डीएनए परीक्षण की सार्थकता के साथ ही अपने पुस्तकालय की पहचान करना जरूरी है। इस मामले में कोर्ट ने डीएनए टेस्ट वी एफएसएल रिपोर्ट को सही करार देते हुए दोषी ठहराए गए आवेदन को खारिज कर दिया है।

साउथ आइलैंड के डेंटलवे का मामला। डायनासोर के बाद बच्चे का जन्म हुआ। पिता अपनी सौतेली की नाबालिग बेटी के साथ कॉन्स्टैंट का रिश्ता कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने फ्लिप रिपोर्ट भी लिखी। पुलिस ने इस आधार पर बेईमानी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। किशोर न्याय बोर्ड में राक्षस ने सौतेला के पिता पर ही लगाया आरोप। अविश्वास के दोषी सौतेला पिता, स्कार्पियो और बच्चे का डीएनए वी एफ एसएल जांच की गई। जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि डेमोक्रेट के सौतेला पिता ही डेमोक्रेट बच्चे के जैविक पिता हैं। हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने पाक्सो कोर्ट के जज को दोषी करार देते हुए दोषी सौतेले पिता की याचिका को खारिज कर दिया है। पाक्सो कोर्ट ने आरोपी को एलेवेंडर की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अपने फैसले में की अहम टिप्पणी. कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी अपराध में दोषी की जांच रिपोर्ट में डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट की अहम भूमिका है। न्यायालय को अपराध पर निर्णय देने का समय डीएनए परीक्षण की क्लासिकता और पुस्तकालय को निश्चित रूप से पहचानना चाहिए।

अगस्त 2019 से अक्टूबर 2019 के बीच 17 जनवरी 2020 को गैंगस्टर जो कि सौतेला पिता हैं, उनके साथ कॉन्स्टैंट बने हुए हैं। इससे वह जानबूझकर हो गई। इस कृत्य को छुपाने के लिए दोषियों ने थाने में एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ झिझक पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत पर पुलिस ने उस व्यक्ति के खिलाफ धारा 376 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। किशोर न्याय बोर्ड में कलाकारों के बीच बताया गया कि अपीलकर्ता सौतेला पिता के साथ ही अवैध संबंध बना रहे हैं। बदमाशों के खिलाफ भादवि की धारा 376(3), 201 और पाक्सो अधिनियम की धारा छह के तहत मामला दर्ज किया गया।

डिवीजन बेंच की महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ

डिवीजन बेंच ने अपने जजमेंट में कहा है कि डीएनए टेस्ट रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि आरोपी ने खुद सौतेली बेटी के साथ अगस्त 2019 से अक्टूबर 2019 तक कॉन्स्टेबल फिजिकल रिलेशन स्थापित किया है। इसका लाइव कार्टून किसी के खिलाफ हो गया था और दोषी ने खुद को कानूनी सजा से बचाने के इरादे से पुलिस थाने में एक बेईमान व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट करा दी थी। अदालत ने दोषसिद्धि और सजा को देखते हुए याचिका को खारिज कर दिया है।


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