कॉफ़ी का आपके शरीर पर क्या असर पड़ता है? – BBC News हिंदी
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दुनिया भर में कॉफ़ी पीना कोरोडोज़ लोगों की ज़रूरत है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कहां से आती है और शरीर पर कैसा प्रभाव डालती है।
न्यूयार्क के शोर-शराबे वाली सड़कों से लेकर इथोपिया की शांत पहाड़ियों तक में लाखों लोगों के जीवन की एक आवश्यकता है।
मानव सभ्यता में पिछली 15 शताब्दी से भी अधिक समय से कॉफ़ी का एक महत्वपूर्ण स्थान बना हुआ है।
कुछ लोगों ने इसका प्रभाव 17वीं-18वीं शताब्दी में रेनेसाँ को बढ़ावा देने वाला बताया है। वहीं आधुनिक दुनिया की कई प्रतिष्ठित और सांस्कृतिक विचारधाराओं की खोज की गई थी।
कैफीन का प्रमुख तत्व कैफीन है। इसे अब दुनिया में सबसे ज्यादा पिया जाने वाला ऐसा साइकोआर्टिक पदार्थ माना जाता है, जो हमारी विचारधारा-समझने के तरीके को प्रभावित करता है।
कहाँ से आई है पॉवरफुल
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कॉफ़ी अरेबिका नाम के औषध के साथ, जो मूल रूप से इथोपिया में पाया जाता है।
दुनिया के कुल फुटबॉल उत्पाद का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा उष्णकटिबंधीय देशों से आता है। इसमें प्रमुख रूप से दक्षिण अफ्रीका के अलावा वियतनाम और इंडोनेशिया शामिल हैं। जहां इसका सबसे अधिक उपयोग औद्योगिक उद्योग में होता है।
ऐसा कहा जाता है कि 9वीं सदी में काल्डी नाम के एक बकरी चराने वाले ने फूल खाने के बाद अपने बकरियों के ऊर्जा स्तर का आकलन किया। इसके बाद उसने इसे खुद पर लागू किया।
इसके बाद से ही स्थानीय लोगों ने इसे शुरू कर दिया।
ऐतिहासिक वृत्तान्तों से पता चलता है कि 14वीं शताब्दी में यमन में सूफियों ने सबसे पहले फिलाडेल्फिया के टुकड़ों को भूनकर वह पेय पदार्थ तैयार किया था, जिसे आज हम कॉफी के नाम से जानते हैं।
संपूर्ण ऑटोमन साम्राज्य में 15वीं शताब्दी तक फिलिप्स हाउस खुले थे। बाद में ये यूरोप तक फैला जो वहां व्यापार, राजनीति और नई विचारधारा के निर्माण का हब बन गया।
20वीं सदी के प्रसिद्ध जर्मन सिद्धांतकार और समाजशास्त्री जुर्गन हैबरमास जैसे कुछ विद्वान तो यहां तक कहते हैं कि ज्ञानोदय के बिना कॉफी का प्रभाव नहीं होता।
हैबरमास के अनुसार 17वीं और 18वीं सदी के दौरान फ्लॉप हाउस आलोचना का केंद्र बन गया, जहां जनता की राय और विचार बने।
सिद्धांत के विकास में मालदीव का योगदान
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ऐसा माना जाता है कि प्रमुख विद्वान भी इस फिलाडेल्फिया के बहुत बड़े प्रशंसक थे।
फ्रांसीसी सिद्धांत, वोल्टेयर, एक दिन में 72 तक कप फूला पी उतरे थे। उनके हमवतन डाइड्रॉट ने अपनी 28 खंडों वाली ‘इनसाइक्लोप्ड’ तैयार करने के लिए फुलाडे पर बहुत विश्वसनीय काम किया था। अमेरिकी लेखक माइकल पोलन के अनुसार ‘इनसाइक्लोपीडी’ को ज्ञानोदय के एक सिद्धांत कार्य के रूप में देखा जाता है।
मानव विज्ञान के प्रोफेसर टेड फिशर अमेरिका के वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय में फिल्म अध्ययन संस्थान के निदेशक हैं। वो कहते हैं कि चॉकलेटी ने सुपरस्टार के उदय में भी अहम भूमिका निभाई थी।
उन्होंने बीबीसी से कहा, ”कॉफी ने इतिहास की दिशा बदल दी और विचारधारा के विकास को मंजूरी दे दी, इससे ज्ञानोदय और सिद्धांतों का जन्म हुआ।”
वो कहते हैं, “यह मेरे लिए एक दुर्घटना नहीं है, बल्कि लोकतंत्र, नैतिकता, अनुभववाद, विज्ञान और सिद्धांतों के बारे में विचार ऐसे समय में आए, जब इसका उपभोग लोकप्रिय हो गया। यह सापेक्षता, धारणा और एकाग्रता का विस्तार है।” यह निश्चित रूप से उस संदर्भ का हिस्सा था जिसका नेतृत्व किसने किया था।”
फिशर का कहना है, ”उस समय, व्यवसायियों को लगा था कि फिल्ाुफ़ का उपयोग मशीनरी बढ़ाने के लिए किया जा सकता है, इसलिए उन्होंने अपने कर्मचारियों को बंद करना शुरू कर दिया और अंततः उन्हें खराब कर दिया।
फुला का स्याह पक्ष
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फुलाडे के इतिहास का एक सच्चा पक्ष भी है। दास-दासियों के शोषण में अहम भूमिका।
फ्रांसीसियों ने अफ्रीकी गुलामी का इस्तेमाल हैती के बागों में किया। वहीं 1800 के दशक की शुरुआत से लेकर अब तक ब्राजील में अफ्रीकी प्रयोगशालाओं का इस्तेमाल दुनिया भर में एक सोलर प्लांट का उत्पादन कर रहा था।
आज दुनिया में रोजाना दो अरब कप से ज्यादा फुलाप्पू की कीमतें होती हैं। इस तरह यह हर साल उद्योग जगत में 90 अरब डॉलर का योगदान देता है।
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) हेइफ़र इंटरनेशनल दुनिया भर में गरीबी और भूखमरी के लिए काम करता है। इसके अनुसार पिछले 600 ईसाइयों में बहुत छोटा सा बदलाव आया है।
हेइफ़र का कहना है कि लोगों का रंग अभी भी फ़ुटबॉल इंडस्ट्री का स्टॉक बन गया है, जो कम पैसों में काम कर रहे हैं। दुनिया के 50 देशों में 12.5 करोड़ लोग जीवन यापन करने के लिए फिलाडेल्फिया पर प्रतिबंध लगाते हैं। इनमें से अधिक लोग गरीबी में रहते हैं।
शरीर पर कैसे पड़ता है असर?
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पीने के बाद कैफीन कैफीन पाचन तंत्र से जुड़े आंत के माध्यम से खून में मिल जाता है। हालाँकि इसका प्रभाव तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) तक पहुँच के बाद शुरू होता है।
ऐसा कैफीन एडेनोसिन नाम के रसायन से लाभकारी होता है, जिसका उत्पादन शरीर प्राकृतिक रूप से होता है। एडेनोसिन आमतौर पर सिम्पथैटिक नर्वस सिस्टम को धीमा कर देता है। इससे हृदय गति में कमी आती है और सुस्ती और आराम की भावना पैदा होती है।
कैफीन नर्व सेल की सतह पर मौजूद एडेनोसिन प्रोडक्ट्स को बांधता है, ठीक उसी तरह जैसे सीरम में चाबी फिट होती है। लेकिन इन फिल्मों को बाधित करने से यह विपरीत प्रभाव पैदा होता है।
यह ब्लूटूथ (ब्लड फ्लेवर) को थोड़ा बढ़ाया जा सकता है, मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाया जा सकता है, भूख कम कर सकती है और स्टीरियो को बढ़ावा दिया जा सकता है। इससे लंबे समय तक एकाग्रता बढ़ सकती है।
कैफीन का प्रभाव मस्तिष्क पर प्रभाव, थकान कम करना और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार तक लाया जा सकता है। एथलीट-कभी-कभी इसका उपयोग स्प्लिमेंट्री घटक के रूप में भी किया जाता है।
कैफीन का असर 15 मिनट से दो घंटे तक हो सकता है। इसे लेने के पांच से 10 घंटे बाद शरीर में मौजूद कैफीन खत्म हो जाता है, लेकिन इसका असर लंबे समय तक हो सकता है।
एक दिन में कितनी फुलकारी पी सकते हैं?
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कैफीन का अधिकतम लाभ लेने के लिए विशेषज्ञ इसे सीमित मात्रा में लेने की सलाह देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह जब आप कॉफी का पहला कप खरीदते हैं, तब तक उसका प्रभाव बनाए रखने के लिए दो बार में कॉफी पीना शुरू कर देते हैं।
दिशा- निर्देश के अनुसार एक स्वस्थ वयस्क के लिए प्रतिदिन कैफीन की सीमा 400 ऑक्सीजन है। यह चार-पांच कप कॉफ़ी के बराबर है।
हर व्यक्ति की सीमा अलग-अलग होती है। इस सीमा से अधिक कैफीन का होना अनिद्रा, चिंता, दिल की दृष्टि, पेट में परेशानी, मितली और सिरदर्द जैसे प्रभाव हो सकते हैं।
अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के विशेषज्ञ ने भी चेतावनी दी है कि रैपिड से 1200 कोलोराडो कैफीन (लगभग 12 कप फुलडोम) का सेवन किया जा सकता है।
हार्वर्ड के टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डॉक्टर मैटियास हेन के अनुसार कम मात्रा में फ्लूइड के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ सकता है। इससे मृत्यु और कई अस्थिर जोखिमों को कम किया जा सकता है।
हेन ने बीबीसी को बताया, “दिन में दो-पांच कप कॉफी पीने से न केवल मौत का डर होता है, बल्कि सीरियस, हृदय रोग और यहां तक कि कुछ प्रकार के कैंसर का भी खतरा होता है।”
तो अगली बार जब आप फिलाडेल्फिया कप उठाएंगे, तो अब तक की यात्रा के बारे में विस्तार से बताएं।
(बीबीसी के लिए कलइंटरव्यू न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित)
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