काशी का हृदय स्थल कहे जाने वाले दशाश्वमेध में एंबुलेंस का अभाव, ‘हस्तशिल्पी’ की मौत के बाद उठी ये मांग
सांकेतिक चित्र।
– फोटो : अमर उजाला
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वाराणसी के दशाश्वमेध क्षेत्र में समय पर पुजारी की व्यवस्था नहीं होने से लकड़ी के खिलौने के हस्तशिल्पी मुन्नू शर्मा की शनिवार को मृत्यु हो गई। क्षेत्र के आदिवासियों ने इस पर कहा कि दशाश्वमेध क्षेत्र में आए दिन लोगों की तबीयत खराब होती है और समय पर यहां के लोग गरीबों तक नहीं पहुंचते हैं।
दशाश्वमेध व्यापार मंडल ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ऐतिहासिक साधु की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाये। मंडल के सदस्य त्रिमूर्ति, अजय शंकर तिवारी, सुरेश तुलस्यान, श्रीनारायण खेमका, अशोक खिलाड़ी, गोकुल शर्मा आदि ने कहा कि दशाश्वमेध क्षेत्र काशी का हृदय स्थल है। हजारों रेगिस्तान, दर्शनार्थियों सहित आसपास के द्वीपसमूह में बड़ी आबादी निवास करती है।
यहां रहने वाले बुजुर्ग, युवा, महिलाएं बीमार हैं तो कोई साधन उपलब्ध नहीं है, जिससे कि अस्पताल पहुंच सके। सड़क जाम होने का कारण मुख्यमंत्री हर घंटे भर का समय बताते हैं। पिछले दिनों कमिश्नर कौशल राज शर्मा से मांग की गई थी कि एस्पिरर की व्यवस्था की जाए, उन्होंने अनुमान लगाया कि व्यवस्था बनाई गई लेकिन कुछ दिन बाद नदारद हो गए।
व्यापार मंडल ने मेयर अशोक तिवारी ने कहा कि कहीं भी हड़ताल करने की बात नहीं कही गई है लेकिन अभी तक क्षेत्र में कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है।
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