उत्तर प्रदेश : नई पर्यटन नीति से युवा को मिलेगा रोजगार और विकास को बल – Uttar Pradesh New tourism policy will provide employment and development to youth
अब का पर्यटन विकास तक जाएगा। प्रत्येक गांव में किसी न किसी प्राचीन मंदिर, धरोहरों और महापुरुषों से संबंधित स्थलों को स्थापित करके उस गांव का भी विकास किया जाएगा। अमृत सरोवरों के माघ्यम से भी पर्यटन को बढ़ावा दिया गया।
द्वारा नवोदित शक्तावत
प्रकाशित तिथि: गुरु, 24 नवंबर 2022 09:14 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: गुरु, 24 नवंबर 2022 09:16 अपराह्न (IST)
मृत्युंजय लेखक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने मत के कारण हिमाचल और गुजरात में जम कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं, लेकिन अपनी दृष्टि एक बार फिर से अपने प्रदेश के विकास कार्यक्रम से नहीं हटती, वे इस साझेदारी के बीच भी प्रदेश के विकास के लिए नई पहल कर रहे हैं। कंपनी पर विचार मंथन करते हुए इन्हें ऑनलाइन उपलब्ध करा रहे हैं। प्रदेश की कानून व्यवस्था में लगातार सुधार की ओर मूल रूप से अब प्रदेश सरकार एक ट्रिलियन डॉलर (10 हजार अमेरिकी डॉलर) की अर्थ व्यवस्था का लक्ष्य लेकर निवेश को गति प्रदान करने का काम कर रही है। इस दिशा में कई नीतिगत प्रयास हो रहे हैं और प्रदेश की नई पर्यटन नीति भी इसी का एक अंग है जो युवाओं को आकर्षित करने का काम करती है।
प्रदेश सरकार की नई पर्यटन नीति बहुसंख्यक विकास को धार देने वाली है और यदि सही तरीके से ढलान पर उतारा गया तो प्रदेश में धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन नई उर्चाओं को दिखाया जा रहा है। पर्यटकों को यात्रा के लिए आवेदन के लिए भी आवेदकों को अलग-अलग मंजूरी के तहत आकर्षित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने नई पर्यटन नीति में 22 नई पर्यटन नीति को जोड़ा है जिसमें बजट होटल, हेरिटेज होटल, स्टार होटल, हेरिटेज होम स्टेट, इको टूरिज्म की एक सूची, कारवां टूरिज्म, यूनिट, प्रदर्शनी, तीर्थयात्रा, तीर्थयात्रा, वेलनेस रिसॉर्ट, अल वेदर सीजन कैंप शामिल हैं। , फोरम, लेक, वेलनेस टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म को भी शामिल किया गया है। अब का पर्यटन विकास तक जाएगा। प्रत्येक गांव में किसी न किसी प्राचीन मंदिर, धरोहरों और महापुरुषों से संबंधित स्थलों को स्थापित करके उस गांव का भी विकास किया जाएगा। अमृत सरोवरों के माघ्यम से भी पर्यटन को बढ़ावा दिया गया।
जिस प्रकार प्रदेश सरकार ने एक जिला-एक उत्पाद योजना पर काम किया है उसी प्रकार अब एक जिला एक पर्यटन केंद्र का भी विकास किया जाएगा। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण और रामलला के सूर्यतिलक की अदभुत व्यवस्था से वहां भारी संख्या में देशी और विदेशी दर्शनीय स्थलों, मथुरा और काशी में भी भक्तों की भारी संख्या उमड़ेगी। अयोध्या, मथुरा और काशी आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए विकास के काफी काम आ रहे हैं। प्रदेश में रामायण और कृष्ण सर्किट की नए मंदिर से स्थापना की जाएगी। रामायण सर्किट में अयोध्या, मंदिर, बिठूर सहित अन्य धार्मिक स्थल शामिल होंगे। कृष्ण सर्किट में मथुरा, वृंदावन, गोकुल, गोवर्धन, बरसाना, नंदगांव, देव लेकर अन्य धार्मिक स्थलों को जोड़ा जाएगा। इसी प्रकार बुद्धिस्ट सर्किट में कपिलवस्तु, सारनाथ, नासिक, कौशांबी, श्रावस्ती, रामग्राम सहित कई स्थल शामिल होंगे।
नई पर्यटन नीति में हस्तिनापुर, कांपिल्य, अहिच्छत्र, बरनावा, मथुरा, कौशांबी, गोंडा, लाक्षागृह जैसे स्थानों पर महाभारत सर्किट की स्थापना की जाएगी। विंध्यवासिनी देवी, अष्टभुजा से लेते हुए देवीपाटन, नैमिषारण्य, मां ललिता देवी, कोटा देवी, शाकुंभरी देवी, सहानपुर से शिवानी देवी, चित्रकूट और शीतला माता मऊ तक शक्तिपीठ का विकास किया जाएगा। प्रदेश में जैन सर्किट भी बनाया जाएगा यह देवगढ़, हस्तिनापुर से लेकर पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, रेलवे तक होगा। नई पर्यटन नीति के तहत अब इंडिपेंडेंस कॉम्बैट सर्किट भी बनाया जाएगा। इंडिपेंडेंस इंडिपेंडेंस कॉम्बैट के अहम स्थान जैसे कि सेक्टर, दशहरा, काकोरी, चौरी चौरा आदि स्थानों को जोड़ा जाएगा। वर्चुअल सर्किट का भी विस्तार किया जा रहा है।
नई पर्यटन नीति में सभी पर्यटन स्थलों की इकाइयों की स्थापना पर निवेश निवेश पर छूट दी जाएगी। नई नीति में रोजगार सृजन पर ई-प्रतिभूति, नवप्रवर्तन, विशिष्ट प्रोत्साहन विपणन एवं प्रोत्साहन प्रोत्साहन राज्य की दुर्लभ और पुरानीप्राय कला, संस्कृति और शील का संरक्षण, समृद्धि और नवीनीकरण के लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था है। प्रदेश सरकार की नई नीति में बंद पड़े पुराने किलों और महलों में भी पर्यटन के दर्शन का निर्णय लिया गया है। प्रदेश सरकार ने पर्यटन नीति के तहत इस क्षेत्र में आगामी 5 वर्षों में 10 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य भी रखा है।
प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के साथ आने से प्रदेश में पर्यटन गति से गतिमान हो रही है। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद और अयोध्या में हर दीपावली के अवसर पर भव्य दीपोत्सव के आयोजन और विभिन्न देशों के कलाकारों द्वारा मंचन आदि से अयोध्या के दीपोत्सव पर्यटन के अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर अपना महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जी 20 शिखर सम्मेलन की अपनी बाली यात्रा के दौरान वहां भारतीय समुदाय को अपॉइंटमेंट देते हुए कहा कि हर व्यक्ति की अयोध्या आने की इच्छा है।
इसका संदेश साफ है कि आने वाले समय में विश्व के हर कोने में निवास करने का हर हिंदू धर्म के लिए आदर्श व्यवस्था की जा रही है। अयोध्या में अभी से ही लाखों की संख्या में भक्तगण घूम रहे हैं। काशी में भव्य काशी विश्वनाथ कारिडोर का काम जारी है, वहां भी सावन माह से अब तक लाखों की संख्या में अवशेष आ चुके हैं। पिछले सप्ताह काशी-तमिल संगम के तहत एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन के बाद भी वहां दक्षिण भारतीय शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ सकती है। वृन्दावन में बांके बिहारी कोरिडोर भी बनने वाला है।
अयोध्या की पाँच और चौदह कोसी प्रतिमाएँ, वृन्दावन और गोवर्धन प्रतिमाएँ, चित्रलिपि प्रतिमाएँ पथ भी विकसित हो रहे हैं। उत्तराखंड का कुंभ और माघ मेला तथा गोरखपुर का गोरक्षपीठ प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन के दो बड़े केंद्र हैं। राजधानी लखनऊ में भी बोतलबंद करने के लिए कई आकर्षक उपाय पूछे जा रहे हैं। अन्यत्र प्रभावशाली दिख रही है। वतनकुलित इलेक्ट्रिक सोलोमन्स के लिए वर्चुअल को ऑनलाइन लॉन्च किया जाएगा। लखनऊ शहर में भी हैं पर्यटन के अनोखे स्थल जहां पर लोग बड़ी संख्या में बहादुर हैं।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वर्ष 2017 में 50,61,193 यात्री आये और अब 2021 में यह संख्या 43,92,435 हो गयी है। यात्रियों को यात्रा के माध्यम से यात्रा मार्ग के लिए तय कर लिया गया है। यही नहीं अब लखनऊ के आसपास छोटे धार्मिक व धार्मिक स्थलों पर भी पर्यटन स्थलों का विकास किया जा रहा है, जिससे धार्मिक व आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। इन मंदिरों में महादेव, पारिजात वृक्ष, मजीठा, चंद्रिका देवी मंदिर आदि शामिल हैं। पूर्व की वैश्वीकरण ने अपनी यांत्रिक वास्तुकला के कारण प्रदेश के सभी धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं का विकास से दूर रखा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं सौ से अधिक बार काशी का दौरा कर चुके हैं, वे अयोध्या और मथुरा का दौरा भी नियमित रूप से करते हैं। यहां धार्मिक पर्यटन को बल मिलता है।
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