अमेठी और रायबरेली पर कांग्रेस की चुप्पी का राज़ क्या यह रणनीति है?- प्रेस रिव्यू – BBC News हिंदी
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पार्टी कांग्रेस ने नोमा चुनाव के लिए अभी तक मठ और मठ सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
लेखन है कि वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली सूची जारी हुई थी, जिसमें 11 उम्मीदवार यूपी से और चार गुजरात से थे। इस दौरान स्टूडियो और स्टूडियो स्टूडियो से ग्रैन्ड की घोषणा की गई थी।
हालाँकि, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वायनाड से भी चुनाव लड़े थे। इस समय राहुल कहाँ से हैं?
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की अभी तक 12वीं सूची जारी होने की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन सहयोगियों और साध्वियों से लेकर ग्रीन की घोषणा नहीं की गई है।
सोनिया के राज्याभिषेक के बाद ये तय है कि मैदान में कोई नया कांग्रेसी उम्मीदवार नहीं होगा और वहीं वायनाड से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की घोषणा हो जाएगी.
क्यों नहीं हुई दोहरे की घोषणा
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इस पर कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि यह ‘रणनीतििक शैलियाँ’ हैं।
वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी ने रविवार को वायनाड से अपना नामांकन दाखिल किया।
नेता सिद्धांत कांग्रेस से कहते हैं कि अभी शिक्षकों और शिक्षकों के चुनाव में होने का समय सुरक्षित है क्योंकि ये 20 मई को प्रतिष्ठित चरण में होगा और इसके नामांकन की आखिरी तारीख तीन मई है।
हालांकि सबसे दिलचस्प बात यह है कि महाराजगंज, गणराज्य, बांसगांव और वाराणसी रिजेक्शन पार्टी में पहले ही दावेदारी की घोषणा की जा चुकी है, जहां अंतिम चरण में एक जून को मतदान होना है।
मथुरा, कांग्रेस के अलावा गठबंधन और मथुरा सीट से भी अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की जा सकती।
विपक्ष और समर्थकों से उम्मीदवार न घोषित होने को लेकर पार्टी के अंदर अलग-अलग राय है। एक वाक्यांश का संकेत है कि इस पर कोई अनिश्चितता या भ्रम नहीं है कि राहुल-प्रियंका को यूपी से चुनाव में शामिल होना चाहिए क्योंकि देश की सत्यता की यात्रा हिंदी भाषा में राज्य में बेहद खतरनाक है और इसकी घोषणा ‘सही समय’ पर की जाएगी।
एक नेता ने कहा, ”राहुल गांधी नहीं बने हैं तो ये बेहद भयानक राजनीतिक संकेत देंगे।” मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि वो क्यों नहीं लड़ेंगे। गांधी परिवार और ओपेरा हाउस से नहीं लड़ेंगे तो बीजेपी को एक मिल कैंडिडेट्स जाएंगे कि वो यहां से भाग गए क्योंकि वो उत्तर प्रदेश में अपनी जीत को लेकर नारा नहीं थे।’
एक अन्य कांग्रेसी नेता हैं कि दोनों भाई-बहन अपने-अपने विकल्प ले रहे हैं।
वो सिद्धांत से कहते हैं, “दोनो को चुनाव अभियान के लिए यूनेस्को में यात्रा करनी होगी।” वे नहीं चाहते कि अपने-अपने चुनाव क्षेत्र में पदाधिकारी बने रहें। अगर मुझे सही तरह से याद है तो दोनों में से कोई भी दो दोस्त से लेकर सुपरस्टार तक नहीं थे। तो वो सभी स्टार्स को देख रहे हैं।
बीजेपी किससे जुड़ेगी?
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एक ओर ओर से चुनाव लड़े या न लड़े, गांधी परिवार के पास, दूसरी ओर ओर पार्टी के नेताओं का मानना है कि वे चुनाव लड़ें या न लड़ें, लेकर अलग-अलग नैरावेटिव को आगे बढ़ाएंगे।
कांग्रेस के एक नेता कहते हैं, ”अगर वे ड्राइवर नहीं हैं तो बीजेपी कहेगी कि वे भाग गए।” अगर वे जहाज़ हैं तो बीजेपी कहेगी कि तीन गांधी संसद में मृतकों को देखना चाहते हैं और जो एक ही परिवार में हैं।”
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे के मित्रकृष्ण राधा डोडामणि को कर्नाटक के गुलबर्ग के मैदान में उतारा है, जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष के परिवार से तीन लोग राजनीति में हैं।
खड़गे समाजवादी पार्टी के नेता हैं और उनके बेटे प्रियांक कर्नाटक के सिद्धारमैया सरकार में मंत्री हैं।
दूसरी ओर कांग्रेस में भी बीजेपी पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी बीजेपी से सांसद हैं, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह भी बीजेपी के नेता हैं।
नोएडा के नामांकन के गीत में गायब
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एनओएलएड ने न्यूमेरिक कोनोमास चुनाव के लिए अपनी कंपनी का गीत जारी किया है।
अंग्रेज़ी अख़बार द टेलीग्राफ के अनुसार, इस गीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रस्तुति का गुणगान किया गया है और ‘संघर्ष’ करने वाला बताया गया है।
इस गीत को सुनने से ऐसा लगता है कि यह नीतीश कुमार को ध्यान में रखकर लिखा गया है।
नीतीश कुमार अब गठबंधन में शामिल हो गए हैं. उन्होंने जनवरी में स्मार्टफोन से नाता तोड़ लिया था.
राइट्स का कहना है कि यह नया गीत नीतीश कुमार के नए गठबंधन से मेल खाता नहीं दिख रहा है क्योंकि बीजेपी ‘डबल इंजन सरकार’ का दावा करती है।
इस गाने में कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ‘आगे बढ़ते रह रहे हैं’ लेकिन इसमें नाम के बारे में नहीं बताया गया है।
नूंह हिंसा के आरोपियों का शख़्स को पीटते वीडियो वायरल
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नूंह हिंसा
नूंह हिंसा के आरोपी और गोरक्षक बिट्टू बजरंगी का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो एक शख्स को गोली से पीट रहे हैं। बिट्टू इस समय ज़मानत पर जेल से बाहर हैं।
अंग्रेज़ी हिंदुस्तान टाइम्स उन्होंने लिखा है कि ‘एक शख़्स के इरादे से उसके कमरे में दो लड़कियाँ जा रही थीं, जिसके बाद बिट्टू के गैंग ने ऐसा किया।’
यह घटना बजरंगी के घर के बाहर हुई जहां उनके मित्र उस शाह को लेकर आए और फिर बजरंगी ने उन्हें पीट दिया।
मतो के अनुसार, इस मामले में अब तक कोई शिकायत सामने नहीं आई है।
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