बरेका में इस बार दशहरा पर 70 फीट का रावण जलेगा। वहीं, 65 फीट के कुंभकर्ण और 60 फीट के मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाएगा। पुतलों के निर्माण का काम शुरू हो चुका है। वहीं, दशहरा के दिन होने वाले रूपक के लिए पात्रों का चयन भी कर लिया गया है। पात्रों के चयन के बाद उनका रिहर्सल भी शुरू हो चुका है।
बरेका सिनेमा हॉल के मैदान पर दशहरे पर दहन के लिए पुतलों का निर्माण शुरू हो चुका है। दो दशकों से पुतलों का निर्माण कर रहे शमशाद खान अपने पूरे परिवार के साथ पुतलों को आकार देने में जुट गए हैं। केंद्रीय खेल मैदान पर 12 अक्तूबर को रूपक के मंचन के बाद रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाएगा। केंद्रीय खेल मैदान पर होने वाले ढाई घंटे के रूपक के लिए पात्रों का रिहर्सल शुरू हो चुका है।
विजयादशमी समिति बरेका के रूपक निदेशक एसडी सिंह के निर्देशन में पात्रों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। गणेश वंदना से रूपक की शुरुआत होगी। यही एकमात्र ऐसा रूपक है जिसमें कोई भी पात्र संवाद नहीं बोलता है। मंच से संवाद बोला जाता है और पात्र केवल अभिनय करते हैं। रामवनगमन से रावण वध की लीलाओं का मंचन किया जाता है।