अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी को आम और ख़ास लोग कैसे देख रहे हैं? – BBC News हिंदी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार रात नई दिल्ली स्थित अपने आवास से गिरफ़्तार किया था।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी के प्रमुख की गिरफ़्तारी को लेकर कई लोग सवाल उठा रहे हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उन्हें मनी लॉन्ड्रिग के मामले में इलेक्ट्रानिक नीति से जुड़े मामले में गिरफ़्तार किया गया है। गिरफ़्तारी के बाद उन्हें देर रात एचडी के दफ़्तर ले जाया गया।
आम आदमी पार्टी ने गुरुवार देर रात सुप्रीम कोर्ट में इस गिरफ़्तारी को चुनौती दी थी। यह संभव है कि आज की तारीख़ में आज का चमत्कार हो।
55 साल के ब्लास्ट के अपराधी दिल्ली हाई कोर्ट के उस फ़ैसले के बाद हुए, जिसमें कोर्ट ने एचडी के खिलाफ उन्हें अपराधी से सुरक्षा की अनुमति से इनकार कर दिया था।
बैराज के बाद से ही बैनामा में बने हुए हैं। सोशल मीडिया पर पत्रकार, राजनीतिक विचारधारा के नेता, वकील और आम लोग सर्जक और एचडी के एक्शन को लेकर चर्चा कर रहे हैं। कुछ लोग इस मामले को ब्लॉकचेन बॉन्ड से भी जोड़कर देख रहे हैं।
क्या कहा?
जानेमाने पत्रकार रवीश कुमार उन्होंने सोशल मीडिया पर सवाल किया कि इस बार कौन सा व्यावसायिक चुनाव होने वाला है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “क्या 2024 का रिजल्ट घोषित हो चुका है? अब कोई भी सर्वे लीजिए, कोई भी डेटा लीजिए, सब सही हो जाएगा। कहीं से भी फिट कर लीजिए, सब हो सही। 400 की जगह 543 लाइक देखें, सही हो जाएगा।”
उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, “विपक्ष का मुख्यमंत्री भी सुरक्षित नहीं है। निकोलाई सोरेन गिरफ़्तार हो गए हैं, स्ट्राइकर भी गिरफ़्तार हुए हैं। कांग्रेस का खाता बंद हो गया है, औपचारिक चुनाव। जनता तय या जांच एजेंसी।”
एक और पत्रकार रोशनकिशोर 2013 से 2024 में दिल्ली में कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के वोटशेयर का डेटा शेयर करते हुए लिखा, ‘दिल्ली में वोटर्स की एक बड़ी संख्या वाले क्षेत्र के स्तर पर विपक्ष का समर्थन है लेकिन विपक्ष के लिए बीजेपी का समर्थन है।’ “
उन्होंने सवाल किया, “अरविंद फ्रांसिस्को के गद्दार के बाद बड़ा राजनीतिक सवाल खड़ा हो गया है। क्या उनके अपराधी 2024 में वोटर बीजेपी से नाराज हो जाएंगे? या फिर मोदी के प्रति प्यार इस गुस्से को खत्म कर देंगे?”
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वहीं पत्रकार पूजा उन्होंने लिखा, “इलेक्टोरल बॉन्ड में सामने आई जानकारी में एक मुख्य कलाकार जो बाद में शराब में गवाह बन गए, उन्होंने बॉन्ड के शेयर में 52 करोड़ रुपये के राजनीतिक समीकरण को चंदे में दे दिया। इसमें से 34.5 करोड़ रुपये बीजेपी के खाते में चले गए।”
पूजा ने द न्यूज़ मिनट की एक रिपोर्ट सामने आई, जिसमें कहा गया है कि अरविंदो फार्मा के निदेशकों में से एक हैदराबाद में रहने वाले पी शरत चंद्रा ने 11 नवंबर 2022 को शराब कंपनी में गिरफ़्तार किया था।
15 नवंबर को उनकी कंपनी ने पांच करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा। 21 नवंबर को ये बॉन्ड बीजेपी ने अन्य…
जून 2023 में शरत चंद्रा इस मामले में गवाह बने और फिर नवंबर 2023 में अरविंदो फार्मा ने बीजेपी के 25 करोड़ रुपये के गठबंधन के बंधन में बंधे।
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने कुल 52 करोड़ रुपये के बॉन्ड बुक किए, जिसमें 34.5 करोड़ रुपये बीजेपी के पास, 15 करोड़ रुपये भारतीय राष्ट्रीय समिति (बीआरएस) के पास और 2.5 करोड़ रुपये तेलुगू देशम पार्टी (टीआईपी) के पास हैं।
वहीं माने जाने पत्रकार राजदीप सरदेसाई उन्होंने लिखा है कि अरविंद केजरीवाल के गिरफ़्तार होने की ख़बरें हर तरफ़ छपी हैं, लेकिन कुछ और ही तरफ़ ध्यान जाना चाहिए।
वो हैं, “स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स के दिग्गजों की भागीदारी और आंकड़ों का राजनीतिक मिलान करने के लिए जून के आखिर तक का, यानी चुनाव से पहले होने का समय मांगा था। सोचिए क्या मामला है? मेरे इंटर्न दोस्त और कई समर्थकों ने कुछ घंटों में ही आंकड़ों का मिलान कर दिया।
“ये दुश्मनों के बारे में और देश की पवित्रता के बारे में क्या कहा जाता है? ये उट्टापांग टाइमलाइन के पूर्वजों का आदेश दिया गया था? शुक्र है कि सुप्रीम कोर्ट को ये नाटक दिखाया गया है।”
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माने जाने राजनीतिक स्थिरांक और पत्रकार सुहास पलसीकर उन्होंने लिखा, “क्या ये चुनाव आयोग के क्षेत्र में कोई स्वतंत्र और उच्च पद के चुनाव पदाधिकारियों और आईटी विभाग के अधिकारियों से कहता है कि चुनाव के दौरान किसी राजनीतिक पार्टी का खाता मुफ़्त नहीं है?”
स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेन्द्र यादव उन्होंने लिखा, “राजनीतिक असहमतता अपनी जगह है, लेकिन लोकतांत्रिक निषेध सर्वोपरि है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी इस प्रतिबंध का चीरहरण है। इस खाते से तो इलेक्टोरल बॉन्ड नामांकन में पूरी तरह से केंद्रीय मंत्रिमंडल को जेल में रखा जाना चाहिए। लोकतंत्र में आस्था कायम रहने वाले हर भारतीय को इसके विरोध में खड़ा होना चाहिए।”
योगेन्द्र यादव आम आदमी पार्टी के संस्थापकों में से एक हैं लेकिन अब आम आदमी पार्टी में नहीं हैं।
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से दो बार कांग्रेस सांसद रहे सन्दीप उन्होंने कहा, “ये कोई बात नहीं है कि आप रात को ये क़दम उठा रहे हैं। रात नौ बजे और सावेरे नौ बजे के बीच में क्या पहाड़ टूटेगा?”
इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक ट्वीट में लिखा है, ”ये शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित हैं। उनके परिवार से मुलाक़ात की। यही कांग्रेस पार्टी है।”
न्यायालय सर्वोच्च न्यायालय में वकील संजय हेगड़े उन्होंने लिखा, “अगर उसी तरह से अरविंद ने उसी तरह गिरफ्तार कर लिया जैसे हेमन्त सोरेन को किया गया था और उन्हें बिना सुनवाई के लंबे समय तक के लिए न्यायिक प्रक्रिया में रखा गया था, तो हमसे ये सवाल करना चाहिए कि ये कानून किस तरह का शासन है या नहीं।” फिर ये शासक का क़ानून है जो यहां पर लागू होता है।”
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फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्टन्यूज़ के संस्थापक प्रतीक चिन्ह पहचाने जाते हैं, “सत्ता में मौजूद वो सभी वयस्क बेकार राजनेता हैं जो, पत्रकार, ज़ालिम, डायमी, वकील, जज या किसी और से जुड़े हुए हैं… जो तानाशाही की स्थापना और उसे बढ़ाने में किसी तरह का योगदान देता है, उसने सोच-समझकर वो विकल्प चुना है। ऐसे लोगों के साथ कभी सहानुभूति नहीं रहती।”
भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक लालकृष्ण ऑर्केस्ट्रा के संस्थापक रहे सुधींद्र कुलकर्णी उन्होंने लिखा है, “चुनावों की तारीखों की घोषणा के बाद जर्मनी के मुख्यमंत्री की पीएमतारी निदंनीय है। ये गैर-लोकतांत्रिक है और स्पष्ट रूप से भाजपा में भाजपा को अनुचित तारिके से फ़ायदा पद के लिए नियुक्त किया गया है।”
सीनियर फेलो और नेशनल सिक्योरिटी मॅमलो के लिए थिंकटैंक सेंटर फॉर प्लास्टिक रिसर्च में शांति सिंह ने तंज कसा, “जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है।”
गुरुराज आनंद नाम के एक खुलासे ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 10 साल पुराना एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।
साल 2014 के इस वीडियो में मनमोहन सिंह देश को चेतावनी देते हुए कहते हैं, “नरेंद्र मोदी की काबिलियत पर चर्चा किए बिना अगर वो भारत के प्रधानमंत्री के पद तक पहुंच गए तो इस देश के लिए घातक सिद्ध होगा।”
2014 में एक पत्रकार सम्मेलन में मनमोहन सिंह उन्होंने कहा था कि वो लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पदभार नहीं संभालेंगे।
इस दौरान उन्होंने नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा, “अगर आपको बेगुनाह की मस्जिद में लोगों के नरसंहार को लेकर प्रधानमंत्री बनने की क्षमता पर भरोसा है तो मुझे इस पर विश्वास नहीं है…”
बीजेपी और आम आदमी पार्टी का आरोप प्रत्यारोप
बीजेपी का कहना है कि डीडी की कार्रवाई के बाद नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तिफा दिया जाना चाहिए।
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा उन्होंने कहा, “बोया पेड़ बबूल का तो आम जगह से मिले, शराब का तो आराम कहां से मिले… ये शराब के नशे का विषय है और किस कोर्ट तक ये खुलासा नहीं हुआ है।”
“कौन सी ऐसी एजेंसी है, जिसकी जांच नहीं की गई है? और कौन सा ऐसा दिल्लीवासी है, जो इस मामले का खुलासा से अनभिज्ञ है?”
वहीं आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चन्ना सोशल मीडिया पर लिखा है, “भारत में अघोषित गायब है, हमारे गणतंत्र खतरे में है। चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है। वो दूसरे लोकतंत्र के नेता हैं, जो गणतंत्र तारिके से चुने गए हैं। हम किस ओर जा रहे हैं।” हैं?”
“देश ने कभी इस तरह की साजिश का खुलकर इस्तेमाल नहीं किया।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक उन्होंने लिखा, “भारतीय जनता पार्टी और मोदी जी को ये बजट और बहुत महंगा चाहिए।”
पार्टी ने गुरुवार रात को कहा था कि “केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने उन्हें जेल से हटा दें, सरकार क्यों न चलाए।”
कांग्रेस और दूसरी सॉफ्टवेयर ने क्या कहा?
नेता कांग्रेस राहुल गांधी उन्होंने ट्वीट किया, ”मीडिया सहित सभी साझा पर कबाज़ा, क्रिएटिविटी को तोड़ना, सोसायटी से हफ़्ता वेइज़, मुख्य कमर्शियल पार्टियों का अकाउंट फ्रीज़ करना भी ‘असुरी शक्ति’ के लिए कम था, तो अब चुनी गई लाइब्रेरी की कमिशनरी पर भी आम बात हो गई है ।”
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने गुरुवार रात को परिवार से मुलाकात की और आरोप लगाया कि मोदी सरकार पर गलतियां की जा रही हैं।
उन्होंने कहा, “चाहे हमारे अकाउंट फ्रीज़ करने की बात हो या फिर हेमंत सोरेन की आपराधिक बात हो या फिर सुपरमार्केट की आपराधिक बात हो, व्यापारी के साथ जुड़कर ये कार्रवाई कर रही है। आप चुनाव से पहले किसी भी पार्टी का गला देख सकते हैं।” तुरंत घोंट हो सकता है।”
कांग्रेस के पूर्व नेता और जानेमाने वकील कपिल सिब्बल ने तंजा कस्ते ने लिखा, “मदर ऑफ डेमोक्रेसी ने ये दिखाया कि उसका सबसे वफ़ादार बेटा है।”
नेता कांग्रेस और जानेमाने वकील अभिषेक मनु सिंघवी उन्होंने लिखा, “घबराइए, आप फासीवाद में प्रवेश कर चुके हैं। तानाशाही सरकार सभी कार्मिक नेताओं को जेल में डाल रही है। संवैधानिक और लोकतांत्रिक लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। जैसे-जैसे लोक सभा चुनाव बंद आ रहे हैं देश में सिर्फ नाममात्र लोकतंत्र का असल में यहां फासीवाद चल रहा है।”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद ऋतु उन्होंने इसकी कड़ी आलोचना की और लिखा कि इंडिया अलायंस अरविंद केजरीवाल इस असंवैधानिक कार्रवाई का विरोध करता है।
उन्होंने लिखा, “मैं इलेक्शन सर पर हूं और डेमोक्रेसी बनाने के लिए सेंट्रल शोले का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये गठबंधन है कि सत्य के लिए बीजेपी किस हद तक नीचे गिर सकती है।”
क्या है मामला?
गुरुवार को उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद एचडी के अतिरिक्त निदेशालय के नेतृत्व में 10 सदस्यीय उच्च न्यायालय की एक टीम दिल्ली के सिविल लाइन्स में मौजूद रेजोल्यूशन के आधिकारिक आवास पर कब्जा कर लिया गया।
वहां पाइपलाइन ऑपरेशन चलाया गया। एचडी की टीम के उनके आवास पर प्रवेश के शुरुआती दो घंटे बाद सर्जिक को गिरफ्तार कर लिया गया।
आम आदमी पार्टी की ओर से उनके आवास के बाहर धारा 144 लागू किए जाने के बाद से ही आम आदमी पार्टी की ओर से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है।
इस मामले में ये 16वीं गर्लफ्रेंड है एचडी. एडी ने अब तक इस मामले में छह चार जजमेंट की संपत्ति और 128 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।
इससे पहले पीएचडी ने कई बार सर्जक को समन भेजने के लिए पूछताछ की थी, लेकिन बीएसके ने इस पेशी को अस्वीकार कर दिया था। उन्होंने डी.एच.डी. के खिलाफ कोर्ट का रुख अपनाया।
डॉक्टर और रिसर्चर का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने अपनी परमिट पॉलिसी के लाइसेंसधारी शराब से रिश्वत लेकर उन्हें अनुचित लाभ दिया। आम आदमी पार्टी ने अब तक इन आरोपों को खारिज कर दिया है।