Yogi Adityanath: योगीराज में सुधार की ओर बढ़ती कानून व्यवस्था – Yogi Adityanath: Law and order is moving towards improvement in Yogiraj
मुख्यमंत्री ने यूपी 112 को तीन हजार करोड़ रुपये की योजना से नये स्वरूप पर निर्णय लिया है।
द्वारा नवोदित शक्तावत
प्रकाशित तिथि: रविवार, 04 सितम्बर 2022 05:14 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: रविवार, 04 सितम्बर 2022 05:16 अपराह्न (IST)
मृत्युंजय लेखक
वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार आने के बाद प्रदेश की कानून और व्यवस्था में निरंतरता बनी हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और पुलिस प्रशासन और सरकारी सिद्धांतों को भी लगातार चेतावनी दे रहे हैं, कई आपराधिक आरोपों में वह स्वतः ही स्मारक लेकर सख्त कार्रवाई करने का आदेश भी जारी कर रहे हैं। प्रदेश के बंदूकधारियों और भू-माफियाओं पर बेधड़क बुलडोजर चल रहा है और बदमाशों का गिरोह चल रहा है, जिसमें कहा गया है कि आज प्रदेश के कई नामी-गिरामी माफिया और आपराधिक जेलों के पीछे हैं और कुछ स्वयंभू हथियारबंद गिरोह गले में डालने के लिए तैयार हैं। तख्ती टांगकर एल्बम में पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी प्रचार के दौरान कानून व्यवस्था को लेकर एक बड़ा मुद्दा बनाया था और लगातार कहा था कि प्रदेश के सभी अपराधी या तो सुशरा। या प्रदेश को छोड़ दो। आज भी यही नतीजा है कि प्रदेश के सभी अपराधी दूसरे राज्यों में शरण लेने के भाग लेने के लिए यहां यूपी पुलिस भी अब इतनी फुर्तीली हो गई है कि वह अपराधी को घायल कर रहा है, जहां छिपा हो सकता है, जैसे ला रही है, अभी भी माफिया डान पूछताछ के लिए जिस प्रकार पंजाब से लाया गया था, उसने पूरे देश को देखा।
2022 विधानसभा चुनाव में भी कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा बना और प्रदेश की नारी शक्ति ने प्रदेश में बने रहे सुरक्षित माहौल को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी को ही वोट दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सतत प्रयास का ही दावा है कि नेशनल क्राइम ब्यूरो ब्यूरो (मैसाबीबी) की ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश लगभग दंगा मुक्त हो गया है। फार्मासिस्टबी रिपोर्ट के अनुसार देश में सप्रंदायिक हिंसा के 378 मामले दर्ज हैं लेकिन यूपी में सिर्फ एक ही ऐसा मामला हुआ है जो योगीराज की सबसे बड़ी सफलता है।
सभी राज्यों में कुल अपराध उत्तर प्रदेश का स्थान 23वाँ है। वर्ष 2019 की तुलना में बच्चों के प्रति अपराध में 11.11 प्रतिशत की कमी हुई है। महिलाओं के साथ होने वाले अपराध में 6.2 प्रतिशत की कमी आई है, लेकिन महिलाओ और अपराधियों के प्रति जो अपराध हो रहा है, उस पर प्रतिबंध के लिए अभी भी समाज और सामाजिक तत्वों को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधार होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधार के लिए कमर कस ली है और तेज गति से काम कर रही है।
महिला सांप्रदायिक हिंसा में 7713 ईसा पूर्व की सजा तय यूपी देश में सबसे आगे है। साइबर आज एक बहुत बड़ा अपराधी बन गया है लेकिन पुलिस ने 292 साइबर साइबरस्पेस को सजा देकर यहां भी अपना पहला स्थान रखा है। विभिन्न अपराधों में गिरफ्तार कुल 11,2800 को सजा देने वाला प्रदेश पहले स्थान पर है। 443304 में 443304 म्यूनिख की गुड़िया का यूपी डॉक्यूमेंट्री स्थान है। यूपी में भी हथियारों की जब्ती सबसे पहले। संपत्ति की बरामदगी का मामला यूपी में चौथा स्थान है। यूपी पुलिस ने बरामद की 129.4 करोड़ की संपत्ति। कादो के वर्ष 2021 में देश के उपनगरीय क्षेत्र में महिलाओं पर एसिड अटैक की न्यूनतम 22 वर्ष की आयु के अनुसार बेरोजगारी की न्यूनतम दो घटनाएं हुई हैं। 28 राज्य व आठ संघ राज्य राज्य में उत्तर प्रदेश का स्थान 36वाँ है।
अपराध नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार एक के बाद एक कई कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने यूपी 112 को तीन हजार करोड़ रुपये की योजना से नये स्वरूप पर निर्णय लिया है। अब किसी अपराध की सूचना पर पुलिस का रिस्पांस टाइम पांच मिनट का दिया गया है और अब यह हाइवे से लेकर दाराज के भी सीमांत तक है।
हालाँकि पिछले संचय की तुलना में प्रदेश में अपराध कम हुआ है लेकिन कई क्षेत्र अभी भी बहुत कम हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, महिला अपराध के प्रति अपराध अभी भी हो रहे हैं और महिला अपराध के प्रति नवाबों का शहर जाने वाला अब भी एक खतरनाक शहर बन गया है। प्रदेश सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वैड का गठन करने के लिए स्कूल-अंचलों की परीक्षाओं में कुछ कमी तो रखी है, लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा रहा है। स्कूल-कॉलेज जाने वाली युवतियों और विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए यदि अभिभावक और प्रबंधन तंत्र भी प्रशासन का सहयोग करें तो यह और भी कम हो जाएगा।
प्रदेश में महिला प्रति अपराध में 40 प्रतिशत मामलों में समय से जांच नहीं हो पा रही है। केंद्र सरकार की बैठक में इस तरह के मामलों की जांच 60 दिनों के भीतर पूरी हो जानी चाहिए। इसलिए जिन मामलों में समय से अनपेक्षित रूप से पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है, उनके संबंधित शेयरधारकों के वार्षिक ट्रस्ट प्राइवेट लिमिटेड (एसीआर) में प्रवेश करने का केंद्र सरकार ने सुझाव दिया है। केंद्र ने समय से जांच का प्रतिशत 90 तक करने का सुझाव दिया है।
पिछले दिनों मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मोहित अमित शाह ने कानून व्यवस्था के मामले में योगी सरकार की वकालत करते हुए कहा था कि अब यूपी सरकार में संरक्षित संबद्धता में भारी कमी आ रही है। जिस कारण निवेशक भी यूपी में निवेश करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं।
आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि यूपी में योगीराज के आने के बाद से ही कानून और व्यवस्था बहाल हो गई है और यूपी ने एक मिसाल कायम की है। प्रदेश में सभी धर्मो के पर्व और त्योहार शांति की अनमोल वस्तुएं हो रही हैं। रामनवमी के अवसर पर जहां राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, गुजरात, दिल्ली और मध्य प्रदेश में हिंसक घटनाएं हुईं वहीं यूपी में माहौल बेहद शांत रहा। अयोध्या में 30 लाख से अधिक भक्तों की भीड़। अभी सावन के पवित्र माह में कुछ आतंकवादी संगठन ने आतंकवादियों पर हमला कर उन्हें उकसाने का प्रयास किया है। सरकार व प्रशासन जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है।
योगीराज में ही प्रदेश में रह रहे सभी धार्मिक प्रार्थना पत्र से लाउडस्पीकर हटवाये गये। प्रदेश में भू माफिया पर नकेल कसी जा रही है। प्रदेशभर में अवैध निर्माणों का पता लगाकर उन्हें कानूनी दस्तावेजों में शामिल कर उनका ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। योगी सरकार हर उस गैरकानूनी काम पर लगाम लगा रही है जिसके कारण अपराध हो रहे हैं। अब प्रदेश सरकार ने युवाओं को नशा मुक्ति के लिए बड़ा अभियान शुरू किया है। इसके तहत नशीले पदार्थो के शिक्षकों के खिलाफ भी एक गहन अभियान शुरू किया गया है।
प्रदेश में अवैध बूचड़खाने की जमीन पर भी अपराध होते थे जिन पर लगाम लग गई है और अब गौवंशीय संपत्ति की गारंटी करने वाले लोग भी जेल जा रहे हैं और उनकी संपत्तियां जब्त हो रही हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के आंकड़े देखें तो वर्ष 2022 के चुनाव के दौरान एक भी हिंसक घटना सामने नहीं आई। यूपी के लिए सबसे बड़ी गर्व की बात यह है कि जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने श्रीरामजन्मभूमि विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, उस दिन भी प्रदेश में एक भी आपराधिक योद्धा नहीं हुआ था।
योगीराज में अब ऐसे-ऐसे अपराधी जेल के बंदियों के पीछे हैं जहां कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन ऐसा भी आएगा कि उनके अपराधी भी नहीं होंगे। पिछले पुरालेख इन मस्जिदों की हनक मोटर थी। अब प्रदेश में बदलाव आ रहे हैं माफिया मुख्तार वकील, आजम खां, अतीक अहमद और गायत्री प्रजापति जैसे लोग अपराधी के लिए नाक में दम कर रहे हैं। सैकड़ो की संपत्ति कुर्क होल है। मुखिया के बेटे अब्बास अब्बास भगोड़ा को दोषी करार दिया गया है।
विरोधी विचारधारा के जो नेता राष्ट्रीय सांख्यिकी के आधार पर प्रदेश सरकार और भाजपा पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं, उस पर एक समर्थक का हाल देखना चाहिए, जब किसी समर्थक व्यक्ति को स्टेशन पर जाने के लिए किस प्रकार से अपमानित किया जाता था। एसआईपी और एसोसिएट्स के साजो-सामान में एसोसिएशन का महिमा मंडन किया गया और उन्हें सरकारी संरक्षण प्रदान किया गया। एसपी और साइंटिस्ट के बीच में इतनी अधिक मुस्लिम तुष्टिकन होती थी कि भागियो तक को रिहा करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन अब वह जेल के स्टॉक के पीछे ही रुके हुए हैं क्योंकि कई एट्रिब्यूट को सजा मिल गई है और कुछ को मिलने जा रहा है।
सबसे दुर्भाग्य की बात यह है कि आज प्रदेश में ज्यादातर आपराधिक संन्यासी शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं, मस्जिदें और संन्यासी जैसे संन्यासी। पिछली चर्चा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा सत्र के दौरान एक बयान दिया था कि, प्रदेश में घट रही घटनाएं समाजवादी कनेक्शन में ही क्यों सामने आ रही हैं? असल में इन वाद्ययंत्रों में बदलाव और विकास रास नहीं आ रहा है और ये थिएटर थिएटर्स के वशीभूत एक ब्लॉग अभियान का प्रयास कर रहे हैं।
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