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मदरसा सर्वेक्षण पर मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले दल कर रहे अनावश्यक राजनीति – Parties doing politics of Muslim appeasement on Madrasa survey are doing unnecessary politics

मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले दल व संगठन और नेता इस सर्वे का विरोध कर रहे हैं। मुस्लिम नेताओं मौलवियों की धमकियों के बावजूद मुख्यमंत्री के आदेश से राज्य भर में मदरसों का सर्वेक्षण अभी तक शांति भंग हो रहा है।

द्वारा नवोदित शक्तावत

प्रकाशित तिथि: शुक्र, 16 सितम्बर 2022 05:03 अपराह्न (IST)

अद्यतन दिनांक: शुक्र, 16 सितम्बर 2022 05:05 अपराह्न (IST)

मदरसा सर्वेक्षक पर मुस्लिम तुष्टिकन की राजनीति करने वाले दल कर रहे हैं धर्मनिरपेक्ष राजनीति

मृत्युंजय लेखक

उत्तर प्रदेश सरकार मदरसन में शिक्षा प्राप्त कर रही है बच्चों को समाज के कारखाने से जोड़ने के लिए मदरसन का सर्वे करा रही है। इस सर्वे का विरोध करने के नाम पर मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले दल व संगठन एक बार फिर जीवंत हो उठे हैं। प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य मदरसों को कारखाने में लाना है। सरकारी छात्रों और शिक्षकों को शिक्षा के आधुनिक इंटरमीडिएट से जोड़ने की सलाह दी जा रही है। मदरसा सर्वे के 12 पॉइंट तय हो गए हैं जिसमें मदरसन की अवेरिंग कैसी होती है? कहाँ से पैसे आते हैं? पथ्यक्रम क्या है। आदि चॉकलेट का उत्तर देना है।

मदरसा के सर्वेक्षण के लिए कौन सा फॉर्म बनाया गया है मदरसा द्वारा संचालित करने वाली संस्था का नाम, स्थापना का वर्ष, मदरसा के निजी भवन में चल रहा है या किराये के भवन में चल रहा है? मदरसे का भवन छात्रों के लिए उपयुक्त है? इस फॉर्म में प्रिया, फर्निचर, टॉयलेट आदि के बारे में भी बताना होगा। मदरसे में असोसिएट की संख्या का विवरण भी दिया गया है। मदरसन की आय का स्रोत भी बताएं। क्या इन मदरसों में पढ़ रहे छात्र कहाँ और कहाँ हैं? जैसे सवालों के उत्तर दें। कोई गैर सरकारी संस्था या ग्रुप मदरसे से क्या संबद्ध है? अगर हां तो इस रिश्ते में पूरा विवरण देना होगा। इसमें सर्वे कर्ता के अंतिम निबंधों को रखा गया है, जिन पर आप अपनी टिप्पणी लिख सकते हैं।

मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले दल व संगठन और नेता इस सर्वे का विरोध कर रहे हैं। मुस्लिम नेताओं मौलवियों की धमकियों के बावजूद मुख्यमंत्री के आदेश से राज्य भर में मदरसों का सर्वेक्षण अभी तक शांति भंग हो रहा है। कुछ मौलाना काउंसिल के समर्थक मुस्लिम समाज को भड़काने का प्रयास लेकर आ रहे हैं। ऑल इंडिया इमाम असोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना रशीदी ने कहा कि वह मदरसों से अपील करते हैं कि नोटिस लेकर आने वाले सर्वे टीम का स्वागत चप्पल-जूते से करें।

मदरसन के सर्वेक्षण के मुद्दो पर इमाम मोहम्मद अस्सदुदीन ओसामी और जमीयत उलेमा- ए- हिंद के मौलाना सैयद अरशद मदनी लगातार आग उगल रहे हैं। मुस्लिम समाज के सबसे बड़े हितैषी बनने की चाहत में मुस्लिम समाज के सबसे बड़े हितैषी बनने की चाहत में मुस्लिम समाज के सभी बच्चे भी मदरसन की शिक्षा से दूर हैं और उनके परिवार के सभी बच्चे भी मदरसों के खिलाफ भड़का रहे हैं। और इसे छोटा सा शैतान बता रहे हैं। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठन विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती संग्रहालय और सरकारी पुस्तकालयों के सर्वे की भी मांग उठा रहे हैं।

मदरसन के सर्वे का विरोध प्रदेश के सभी राजनीतिक दल कर रहे हैं बड़ा मुस्लिम आधार वोट बैंक। समाजवादी और बहुजन समाजवादी पार्टी दोनों बयानबाजी में एक दूसरे से आगे की होड़ में हैं। पार्टी के मुस्लिम नेता और नेता भी विरोध के नाम पर मुस्लिम समाज को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं और अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। समाजवादी नेता आशुतोष ने कहा कि, ”भारतीय जनता पार्टी के शासन में मुस्लिम समाज का दमन हो रहा है।” मदरसन की जांच के नाम पर भाजपा की मदरसन की नजर है।”

बैस्ट का कहना है कि पहले कांग्रेस के गणतंत्र में इस तरह की राजनीति का कारण इस समुदाय को तुष्टिकरण की राजनीति का शिकार बनाया गया था और अब यह समाजवादी पार्टी की राजनीति में भी जारी हैं। बसपा का कहना है कि मुस्लिम समाज के शोषित, उपेक्षित व दंगा पीड़ित आदि की विचारधारा कांग्रेस के विचारधारा में आम रही है फिर भी भाजपा द्वारा तुष्टिकरण के नाम पर राजनीति करके सत्ता में आ जाने के बाद अब इन्ही दमनकारी व आतंकित होने का खेल बयावत जारी है। जबकि हकीकत यह है कि यह पूरा प्रदेश और देश क्या जानता है।

मुंबई के इस्लामिक संगठन रजा अकादमी के प्रमुख मौलाना सईद नूरी ने भी एक सर्वेक्षण में कहा कि अगर सरकार सभी मदरसों को सहमत चाहती है तो ठीक है लेकिन असल में यह है कि सरकार मदरसों की नैतिकता को नहीं चाहती है। वह तो मदरसों की प्रतिष्ठा में माहौल को सांप्रदायिक बनाना चाहती है। देवबंद के मौलाना मसूद मदनी का कहना है कि सरकारी गैर-आदिवासी मदरसन के सर्वे के नाम पर गरीब गुड़िया के बच्चे पढ़ने से अमीर बनना चाहते हैं। एक तरह से सभी मुस्लिम नेता और संगठन सर्वे का कड़ा विरोध कर रहे हैं।

अच्छी बात ये है कि सेक यूनिवर्सल लीडर्स और मौलानाओं के विरोध के बाद भी मदरसों के सर्वे का काम शांति खत्म हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में मदरसों के आधुनिकीकरण की शुरुआत की। उन्होंने 2017 में एक पोर्टल बनाया था जिसमें सभी मदरसों के लिए आवेदन करने की छूट दी गई थी। अब तक 16,513 मदरसों ने अपना अलॉटमेंट निकाला है और इनमें से 558 मदरसों को सरकारी अनुदान मिल रहा है। योगी सरकार ने मदरसों के पाठयक्रम में एनसीईई आरटीओ की सलाह को शामिल किया है। मदरसे के विद्यार्थियों के लिए एक लाख की दवा और गोली भी दी गई। हर घर का झंडा अभियान के तहत अभी हाल ही में मदरसन में झंडा फहराया गया।

मदरसों के विद्यार्थियों को शिक्षा की पाठशाला में लाने के लिए राज्य सरकार ने आधुनिक विषयों गणित, अंग्रेजी, विज्ञान, हिंदी आदि में पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से निर्णय लेने का निर्णय लिया है और मदरसों में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थी सरकार की नीति से बहुत खुश हैं। सर्वे के विरोध के बीच सभी मुस्लिम नेताओं को यह भी पता होना चाहिए कि जिन मदरसों में आधुनिक पाठयक्रम की शिक्षा दी जा रही है, क्या वहां कुरान और धर्म की शिक्षा बंद की गई है? अब मुस्लिम कट्टरपंथियों के बहकावे में कई छात्र यह मांग करने लगे हैं कि मदरसों में आधुनिक शिक्षा तो सही कदम है लेकिन मदरसों में दीनी तालीम से न की जाए इसलिए हम सभी छात्र यहां पर दीनी तालीम लेने आते हैं।

मुस्लिम संगठन के सर्वे को लेकर वाजिब ने कहा है कि इससे उनके विरोध की सच्चाई सामने आ जाएगी। प्रदेश और देश के कई आदर्शों में अवैध मछलियां चल रही हैं और जिनमें कई देश विरोधी आरोप चल रहे हैं और कई लोग पकड़े भी गए हैं। असम में अवैध मदरसों पर कार्रवाई के दौरान 37 तीन साथी मित्र संगठन अल कायदा और बांग्लादेशी संगठन अंसारूलह नामांकन से जुड़े हुए हैं। मदरसे की स्थापना में ये लोग देश विरोधी विद्रोह में सक्रिय रूप से शामिल थे। उत्तराखंड सरकार ने भी मदरसों का सच जानने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकार क्षेत्र पर सर्वेक्षण का निर्णय लिया है।

उत्तर प्रदेश में अवैध मदरसों की फ़सल लहलहा रही है। श्रावस्ती जिले में 62 किमी सीमा संख्या मैंस भूमि स्थित है। इस सीमा पर अवैध रूप से गांव बस गए हैं और अवैध मदरसे भी संचालित हो रहे हैं लेकिन गुप्त छिपाई और सुरक्षा के ठिकानों पर भी कुछ भी खुलासा नहीं किया गया है। चारागाह की जमीन पर अवैध मदरसा बुलडोजर से तोड़फोड़ की गई है। कई मदरसो में अवैध स्टील मोटरसाइकिलें अलग-अलग समय पर रहती हैं- समय पर समाचार रहता है। नेपाल सीमा से सटे स्कोर में अवैध मदरसन की बाढ़ आ गई है, जहां पता चला है कि कि मदरसन में छात्र तो भारतीय हैं, लेकिन विचारधारा वाले शिक्षक नेपाल से आए हैं, इसका कोई विवरण नहीं मिला। मदरसन में आज भी औरंगजेब के समय की कटर तालीम दी जा रही है। प्रदेश के कई मदरसों में अपराधी मारे गए हैं। मदरसों के कई मौलाना दुराचार जैसे शिष्यों में नारा लगाते रहे हैं।

अभी हाल ही में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक लॉगो ने कहा कि ओसामी समेत सभी मुस्लिम नेता झूठ बोल रहे हैं। यूपी सरकार ने बच्चों की स्थिति के बारे में और उन्हें शिक्षा प्रणाली में फिर से शामिल करने का पूरा अधिकार दिया है। आयोग की रिपोर्ट से पता चलता है कि 1.10 करोड़ से अधिक बच्चे गैर-अनुसूची प्राप्त कर चुके हैं और गैर-मैट्रिशमैचरसन में पढ़ रहे हैं।

प्रियांक लॉगो का कहना है कि सोनी जैसे नेता झूठ बोलकर अल्पसंख्यक समाज को अनादर बोल रहे हैं। आयोग की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि मदरसांस एंड एजुकेशन के ऑपरेशन के लिए 10 हजार करोड़ की फंडिंग आई लेकिन वह गई और कहां खर्च हुई, इसके बारे में कुछ पता नहीं चला, जबकि मदरसांस के छात्रों और शिक्षकों को किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिली। रही और नहीं छात्रों की संख्या बढ़ी है।

अभी हाल ही में लखनऊ में उनके आसपास के मदरसों में आपराधिक वारदात का खुलासा हुआ था, जिसके चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सक्रिय हुए और उन्होंने सर्वेक्षण का यह कदम उठाया। प्रियांक लॉगो का कहना है कि अपने-अपने राज्यों में बच्चों के अधिकारों के लिए सभी तरह की छूट होनी चाहिए। तर्क -30 कर तर्क लागू नहीं होगा क्योंकि सरकार उन बच्चों के अधिकारों की संरक्षक है जो स्कूल से बाहर हैं। स्कूल न जाने वाले बच्चों के विषय में जाने के लिए हमें मदरसों के अंदर ही जाना होगा।

प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष बासित अली ने कहा कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में बाल अधिकार का हनन हो रहा है। चंदे से यहाँ के माँ-मजाकियाँ उड़ा रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि इसका सर्वे हो। अली का कहना है कि कई जगहों पर मान्यता प्राप्त गैर मान्यता प्राप्त मदरसे ऐसी गलियां में चल रहे हैं कि जहां आग लग जाए तो फायर ब्रिगेड की गाड़िया जा ही नहीं सकती। मध्य-डे- मील योजना का लाभ नहीं मिल रहा।

प्रदेश सरकार में मत्स्य पालन विभाग के मंत्री संजय निषाद बड़ा हमला करते हुए कह रहे हैं कि मदरसों के वैज्ञानिकों और वैज्ञानिकों के लिंक मिलते हैं। मदरसन में उन्माद करना ही पढाई लिखाई है। अब मदरसन का सुधारकर बच्चों को बेहतर ज्ञान मिलेगा। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आज़ाद के वकील का कहना है कि मदरसन के सर्वे में किसी को भी स्वस्थ होने की ज़रूरत नहीं है। इसका एकमात्र उद्देश्य यह हो रहा है कि गैर मान्यताप्राप्त मदरसन में पढ़ने वाले बच्चों को भी सभी प्रकार की सरकारी सेवाएं मिलें।

  • लेखक के बारे में

    वर्तमान में नईदुनिया डॉट कॉम में शेयरधारक हैं। पत्रकारिता में अलग-अलग नामांकन में 21 साल का दीर्घ अनुभव। वर्ष 2002 से प्रिंट और डिजिटल में कई बड़े दिन सिद्धांत


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